पिछले एक दशक से बेरंग हो चुके मुंबई के डांस बार फिर सजने-संवरने लगे है। देश की सर्वोच्च अदालत में महाराष्ट्र सरकार से जंग जीतने के बाद महानगर के सभी बार मालिक अपने डांसबार को जोर शोर से शुरु करने की तैयारियों में लग गए हैं। हाल ये है कि बार बालाओं की मांग तेज हो गई है। मांग के हिसाब से बार बालाओं की कमी हो गई है और बार बालाओं की भर्ती के लिए जगह-जगह उनकी तलाश की जा रही है।
हालांकि इस बार रेस्तरां और बार मालिक किसी तरह का विवाद नहीं चाहते, इसलिए महाराष्ट्र सरकार की शर्तों के मुताबिक डांस बार में बदलाव किए जा रहे हैं। कहीं डांस बार के गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं तो कहीं डांस बार में बार बालाओं और ग्राहकों के बीच सुरक्षित अंतर रखने के लिए सरकार की शर्तों के मुताबिक सिटिंग अरेंजमेंट में बदलाव किया जा रहा है। बार बालाओं की सुरक्षा के लिए तीन फीट का कटघरा बनाने की तैयारियां भी शुरू की गई हैं।
इन तैयारियों के बीच बार मालिकों को कारोबार के परवान चढ़ने की उम्मीद है। उनसे कोई कसर न रह जाए इसलिए बार बालाओं की तलाश भी शुरू हो गई है। उन बार बालाओं को जो पहले से यहां सेवाएं दे रही थीं और उनकी भी जो इस पेशे में अपना भविष्य देख रही हैं। माना जा रहा है कि जिस पैमाने पर यह काराबोर चलेगा, उसमें बार बालाएं कम पड़ जाएंगी।
यही वजह है कि नृत्य की अलग-अलग विधाओं में निपुण बार बालाओं की तलाश हो रही है। इसके लिए कई राज्यों की डांस एकेडमी से भी संपर्क किया जा रहा है। डांस बार को दोबारा शुरू करने की इजाजत मिलने से इस कारोबार से जुड़े लोगों का उत्साहित होना लाजिमी है। इस कारोबार पर रोक लगने के बाद कई लोगों के रोजगार तो छिने ही थे, कहा जा रहा है कि कई परिवारों के लिए फाके की नौबत आ गई थी।
बता दें कि साल 2005 में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार ने डांसबार पर पाबंदी लगा दी थी। इस फैसले से करीब 75 हजार बार बालाएं अचानक बेरोजगार हो गई थीं। चूंकि बार बालाओं के पास रोजगार का कोई और हुनर नहीं था, इसलिए कहा जा रहा है कि कुछ ने ये पेशा ही छोड़ दिया तो कुछ ने घर चलाने की म्रुाबूरी में देह व्यापार का रास्ता चुन लिया।
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