ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के दिल्ली में राहुल गांधी की बैठक में नहीं जाने पर उन्हें लेकर अटकलों का दौर फिर शुरू है। हाल के फैसलों को देखते हुए उनकी सपा में वापसी के कयास लग रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री ने लखनऊ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई तो बेनी नहीं गए। वह गाहे-बगाहे मुख्यमंत्री अखिलेश की तारीफ कर कांग्रेस नेताओं को असहज करते रहे हैं। सांसद पीएल पुनिया पर उनके हमले किसी से छिपे नहीं। दलित कॉन्क्लेव में राहुल की मौजूदगी के बावजूद बेनी शामिल नहीं हुए। सियासी हलकों में मुलायम से मुलाकात की अटकलें जोर पकड़ती हैं तो कभी 2017 से पहले सपा में शामिल होने की। इसी आधार पर कुछ कांग्रेसी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करते रहे हैं। बताया जाता है कि वरिष्ठता के अनुरूप तवज्जो न मिलने से बेनी खफा हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री ने लखनऊ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई तो बेनी नहीं गए। वह गाहे-बगाहे मुख्यमंत्री अखिलेश की तारीफ कर कांग्रेस नेताओं को असहज करते रहे हैं। सांसद पीएल पुनिया पर उनके हमले किसी से छिपे नहीं। दलित कॉन्क्लेव में राहुल की मौजूदगी के बावजूद बेनी शामिल नहीं हुए। सियासी हलकों में मुलायम से मुलाकात की अटकलें जोर पकड़ती हैं तो कभी 2017 से पहले सपा में शामिल होने की। इसी आधार पर कुछ कांग्रेसी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करते रहे हैं। बताया जाता है कि वरिष्ठता के अनुरूप तवज्जो न मिलने से बेनी खफा हैं।
कहा- राहुल, सोनिया से मतभेद नहीं, सेहत खराब है, इसलिए दिल्ली नहीं गया
बेनी प्रसाद वर्मा कांग्रेस नेतृत्व से नाराजगी और सपा से नजदीकियों की अटकलें खारिज करते हैं। कहते हैं, सोनिया और राहुल गांधी से मतभेद नहीं है। मेरे कांग्रेसी होने पर संदेह न करें। तबीयत खराब होने से दिल्ली की बैठक में नहीं गया।
बेनी ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में कहा कि प्रदेश के 40-50 कांग्रेसी दिल्ली गए हैं। यह जनरल बॉडी मीटिंग जैसी है। मेरी तबीयत ठीक नहीं, इसलिए नहीं गया। मीटिंग में जो होगा, पता लग जाएगा। इस संबंध में दिल्ली से कोई फोन या पत्र नहीं आया था। पीसीसी से जरूर एक नेता का फोन आया। उन्होंने कहा, मेरे सोनिया और राहुल से मतभेद नहीं हैं। मैं पदलोलुप नहीं हूं। यह बात सच है कि मैं सपा का फाउंडर मेंबर हूं, 30-35 साल हम और मुलायम सिंह साथ रहे।
मुलायम ने मुझे सपा से निकाला नहीं था। कुछ मतभेद के कारण मैं ही अलग हुआ था। पहले अपनी पार्टी बनाई और फिर कांग्रेस में शामिल हुआ। मेरा चरित्र नहीं रहा कि जल्दी-जल्दी दल बदलूं। मैं सपा में शामिल नहीं हो रहा हूं। मुलायम से मुलाकात पर कहा कि कुछ महीने पहले जब वह मेदांता से छुट्टी मिलने पर लखनऊ आए तब मिलने गया था। मैंने अखिलेश यादव की कभी आलोचना नहीं की। जहां तक बाराबंकी में सपा प्रत्याशी को समर्थन का सवाल है, यह कोई चोरी छिपे नहीं दिया। मेरे जन्मदिन पर 10-12 हजार लोगों की भीड़ थी। इसमें 400-500 लोग एमएलसी चुनाव के वोटर थे। सभी कन्फ्यूजन में थे। यहां जो लड़का (राजेश यादव) चुनाव लड़ रहा है, वह कुछ समय हमारे साथ काम कर चुका है। कांग्रेस ने रायबरेली के अलावा कहीं प्रत्याशी खड़ा नहीं किया, इसलिए सपा उम्मीदवार का समर्थन किया। मेरे खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की बात कही गई लेकिन इसकी परवाह किए बगैर हम सपा प्रत्याशी को सपोर्ट कर रहे हैं।
बेनी प्रसाद वर्मा कांग्रेस नेतृत्व से नाराजगी और सपा से नजदीकियों की अटकलें खारिज करते हैं। कहते हैं, सोनिया और राहुल गांधी से मतभेद नहीं है। मेरे कांग्रेसी होने पर संदेह न करें। तबीयत खराब होने से दिल्ली की बैठक में नहीं गया।
बेनी ने ‘अमर उजाला’ से बातचीत में कहा कि प्रदेश के 40-50 कांग्रेसी दिल्ली गए हैं। यह जनरल बॉडी मीटिंग जैसी है। मेरी तबीयत ठीक नहीं, इसलिए नहीं गया। मीटिंग में जो होगा, पता लग जाएगा। इस संबंध में दिल्ली से कोई फोन या पत्र नहीं आया था। पीसीसी से जरूर एक नेता का फोन आया। उन्होंने कहा, मेरे सोनिया और राहुल से मतभेद नहीं हैं। मैं पदलोलुप नहीं हूं। यह बात सच है कि मैं सपा का फाउंडर मेंबर हूं, 30-35 साल हम और मुलायम सिंह साथ रहे।
मुलायम ने मुझे सपा से निकाला नहीं था। कुछ मतभेद के कारण मैं ही अलग हुआ था। पहले अपनी पार्टी बनाई और फिर कांग्रेस में शामिल हुआ। मेरा चरित्र नहीं रहा कि जल्दी-जल्दी दल बदलूं। मैं सपा में शामिल नहीं हो रहा हूं। मुलायम से मुलाकात पर कहा कि कुछ महीने पहले जब वह मेदांता से छुट्टी मिलने पर लखनऊ आए तब मिलने गया था। मैंने अखिलेश यादव की कभी आलोचना नहीं की। जहां तक बाराबंकी में सपा प्रत्याशी को समर्थन का सवाल है, यह कोई चोरी छिपे नहीं दिया। मेरे जन्मदिन पर 10-12 हजार लोगों की भीड़ थी। इसमें 400-500 लोग एमएलसी चुनाव के वोटर थे। सभी कन्फ्यूजन में थे। यहां जो लड़का (राजेश यादव) चुनाव लड़ रहा है, वह कुछ समय हमारे साथ काम कर चुका है। कांग्रेस ने रायबरेली के अलावा कहीं प्रत्याशी खड़ा नहीं किया, इसलिए सपा उम्मीदवार का समर्थन किया। मेरे खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की बात कही गई लेकिन इसकी परवाह किए बगैर हम सपा प्रत्याशी को सपोर्ट कर रहे हैं।
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