टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. यूपी में बढ़ रहे अपराधों को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किया गया यूपीकोका बिल पास हो गया है. पिछले दिनों इस कानून को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली थी. वहीं सपा की तरफ से कहा गया कि विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए सरकार ये बिल लेकर आई है.
बता दें कि सीएम योगी ने विधानसभा में 'यूपीकोका' कानून का ड्राफ्ट पेश किया. सदन में हंगामें के बीच ये बिल पास कर दिया गया. इसके बाद सरकार इसे विधान परिषद में चर्चा के लिए पेश करेगी. वहां से पास होने के बाद उसे राज्यपाल के यहां भेजा जाएगा.
संगठित क्राइम को रोकने के लिए योगी सरकार द्वारा बुधवार को विधानसभा में यूपीकोका बिल पास हो गया है.
विपक्ष ने किया हंगामा
यूपीकोका बिल को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि योगी सरकार इस कानून का इस्तेमाल सिर्फ दलितों और अल्पसंख्यकों के खात्मे के लिए बनाया गया है. दलितों पर इसके तहत केस दर्ज कर जानबूझकर जेल भेजा जाएगा. उन्हें प्रताड़ित किया जाएगा. मायावती ने कहा कि ये पूरी तरह से बीजेपी की अल्पसंख्यक विरोधी नीति और मानसिकता को दिखाता है.
तो वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस कानून से बीजेपी अपना राज चाहती है, इसका डर दिखाकर वो विपक्ष को कमजोर करने का साजिश रच रही है. पहले से इतने कानून हैं उन्हें लागू नहीं करवा पा रही है. अपनी कमियों को छुपाने के लिए यूपीकोका लेकर आई है.
मकोका की तर्ज पर काम करेगा यूपीकोका
सीएम योगी ने सत्ता संभालने के बाद संगठित अपराध, माफियाओं पर शिकंजा कसने का आदेश दिया था. इसके बाद तत्कालीन गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्र ने मुंबई, दिल्ली और बिहार समेत कई राज्यों में संगठित अपराध के लिए बनाए गए कानून के बारे में जानकारी जुटाई.
No comments:
Post a Comment