ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो बलिया। टेलीकॉम कैजुवल एंड कान्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के जिला इकाई के सदस्यों ने 72 घंटे के भूख हड़ताल के आह्वान पर दूसरे दिन उपवास जारी रखा। इस दौरान उपवास के साथ धरने पर दर्जनों कैजुवल वर्कर्स दूरसंचार कार्यालय के मुख्य गेट पर बैठ रहे। कहा कि केंद्र सरकार के गलत नीतियों के चलते श्रमिक वर्ग भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है।
यूनियन के अध्यक्ष सुखन राम ने कहा कि बीएसएनएल में कार्य करने वाले मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी तय किया जाना चाहिए। बीएसएनएल के मजदूरों के बकाया मजदूरी का भुगतान शीघ्र कराया जाय। केंद्र सरकार श्रमिकों के लिए एक विधेयक पारित कर श्रमिक नीतियों की घोषणा करे।
साथ ही कैजुवल एवं कार्यरत मजदूरों की ईपीएफ, ईएसआई एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाय। बीएएनएल में कई सालों से पार्ट-टाइम तथा तैनात मजदूरों की छंटनी पर रोक लगाई जाय। बीएसएनएल से निकाले गए मजदूरों को पुन: काम पर वापस लिया जाय। कहा कि केंद्र के गलत नीतियों के चलते हम मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके है।
हम श्रमिकों की सुनने वाला कोई नहीं है। बीएसएनएल में कार्यरत सभी मजदूरों की मजदूरी का भुगतान चेक या सीधे खाते में किया जाय। उन्होंने चेताया कि अगर आठ फरवरी तक हम लोगों की छह सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं किया गया तो हम बाध्य होकर उग्र आंदोलन शुरू कर देंगे।
इसकी सूचना बीएसएनएल के अधिकारियों के साथ ही श्रम विभाग के आला अधिकारियों को भेज दी गई है।
इस मौके पर एचएन पांडेय, शिवबहादुर, मदन राम, रामबहादुर, राजेंद्र यादव, धर्मेंद्र कुमार गुप्ता, रवि कुमार राम, वीरेंद्र वर्मा, अवधेश पाठक, सुग्रीव, बच्चाजी, रामलाल साह, उमाशंकर, वीरेंद्र वर्मा, अमरेश शर्मा, राजकुमार, शिवशंकर, शिवजी, रामप्रताप, मुंशी चौहान सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे। अध्यक्षता सुखनराम तथा एचएन पांडेय ने किया।
दस सूत्री मांगों के जरिए उठाई हक की आवाज
ट्यूबवेल टेक्निकल इंपलाइज एसोसिएशन का विरोध प्रदर्शन अपनी दस सूत्री मांग को लेकर ट्यूबवेल टेक्निकल इंपलाइज एसोसिएशन के सदस्यों ने अधिशासी अभियंता नलकूप खंड दो के कार्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि जब तक सभी मांगें पूर्ण नहीं होंगी हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
धरना सभा को संबोधित करते हुए खंडीय अध्यक्ष छांगुर राम ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा तकनीकी कर्मचारियों के हित में आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। ट्यूबवेल मिस्त्री सेवा नियमावली 1991 एवं 2001 से शैक्षिक योग्यता,वेतनमान, शासन के कार्यकारी आदेश के अनुपालन में संशोधित किया जा चुका है।
यूनियन के अध्यक्ष सुखन राम ने कहा कि बीएसएनएल में कार्य करने वाले मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी तय किया जाना चाहिए। बीएसएनएल के मजदूरों के बकाया मजदूरी का भुगतान शीघ्र कराया जाय। केंद्र सरकार श्रमिकों के लिए एक विधेयक पारित कर श्रमिक नीतियों की घोषणा करे।
साथ ही कैजुवल एवं कार्यरत मजदूरों की ईपीएफ, ईएसआई एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाय। बीएएनएल में कई सालों से पार्ट-टाइम तथा तैनात मजदूरों की छंटनी पर रोक लगाई जाय। बीएसएनएल से निकाले गए मजदूरों को पुन: काम पर वापस लिया जाय। कहा कि केंद्र के गलत नीतियों के चलते हम मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके है।
हम श्रमिकों की सुनने वाला कोई नहीं है। बीएसएनएल में कार्यरत सभी मजदूरों की मजदूरी का भुगतान चेक या सीधे खाते में किया जाय। उन्होंने चेताया कि अगर आठ फरवरी तक हम लोगों की छह सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं किया गया तो हम बाध्य होकर उग्र आंदोलन शुरू कर देंगे।
इसकी सूचना बीएसएनएल के अधिकारियों के साथ ही श्रम विभाग के आला अधिकारियों को भेज दी गई है।
इस मौके पर एचएन पांडेय, शिवबहादुर, मदन राम, रामबहादुर, राजेंद्र यादव, धर्मेंद्र कुमार गुप्ता, रवि कुमार राम, वीरेंद्र वर्मा, अवधेश पाठक, सुग्रीव, बच्चाजी, रामलाल साह, उमाशंकर, वीरेंद्र वर्मा, अमरेश शर्मा, राजकुमार, शिवशंकर, शिवजी, रामप्रताप, मुंशी चौहान सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे। अध्यक्षता सुखनराम तथा एचएन पांडेय ने किया।
दस सूत्री मांगों के जरिए उठाई हक की आवाज
ट्यूबवेल टेक्निकल इंपलाइज एसोसिएशन का विरोध प्रदर्शन अपनी दस सूत्री मांग को लेकर ट्यूबवेल टेक्निकल इंपलाइज एसोसिएशन के सदस्यों ने अधिशासी अभियंता नलकूप खंड दो के कार्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि जब तक सभी मांगें पूर्ण नहीं होंगी हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
धरना सभा को संबोधित करते हुए खंडीय अध्यक्ष छांगुर राम ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा तकनीकी कर्मचारियों के हित में आज तक कोई निर्णय नहीं लिया गया। ट्यूबवेल मिस्त्री सेवा नियमावली 1991 एवं 2001 से शैक्षिक योग्यता,वेतनमान, शासन के कार्यकारी आदेश के अनुपालन में संशोधित किया जा चुका है।
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