ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
अमरोहा सोमवती-मौनी अमावस्या पर पुण्य लाभ कमाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। रविवार देर रात के बाद से ही गंगा घाट की तरफ श्रद्धालु वाहनों से पहुंचने लगे थे। हर कोई इस मौके का लाभ उठाने के लिए आतुर दिखा। ब्रजघाट से लेकर तिगरी गंगा तट तक श्रद्धालुओं का रेला दिखाई दे रहा था।
सुरक्षा में लगे अफसरों का अनुमान है कि, एक से डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने सोमवार को गंगा में डुबकी लगाई। सूर्य नारायण को अर्घ्य देकर मां गंगा की पूजा-अर्चना की और दान कर पुण्य लाभ कमाया। वहीं गंगा तट पर मेले जैसे माहौल रहा। बच्चों-युवाओं ने भी स्नान कर पूजा-पाठ किया, पिकनिक भी मनाया। इस दौरान ब्रजघाट से लेकर तिगरी गंगा तट हर कोई मां गंगा की भक्ति में गोता लगाता नजर आ रहा था।
सोमवती मौनी अमावस्या सात फरवरी दिन रविवार की रात 9:45 से आरंभ हो गई थी, जो सोमवार की रात 8:36 बजे तक रही। इसको लेकर रविवार की रात से ही श्रद्धालुओं ने ब्रजघाट गंगा तट की तरफ रुख कर लिया था। भोर के चार बजे से ही ब्रजघाट का मुख्य� का प्लेटफार्म श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया था।
बाद में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और सूर्य नारायण को अर्घ्य दिया, पूजा-अर्चना की। साथ ही गंगा तट पर मौजूद गरीबों को दान देकर पुण्य लाभ कमाया। वहीं भोर की गंगा आरती में तमाम श्रद्धालुओं ने भागीदारी की। उधर बच्चे, युवा व महिलाओं ने मेले का जमकर लुत्फ उठाया। वहीं तिगरी गंगा तट पर भी भोर से दोपहर तक श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। ब्रजघाट चौकी इंचार्ज संजय कुमार का कहना है कि, तकरीबन डेढ़ लाख लोगों ने स्नान किया होगा।
अमरोहा सोमवती-मौनी अमावस्या पर पुण्य लाभ कमाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। रविवार देर रात के बाद से ही गंगा घाट की तरफ श्रद्धालु वाहनों से पहुंचने लगे थे। हर कोई इस मौके का लाभ उठाने के लिए आतुर दिखा। ब्रजघाट से लेकर तिगरी गंगा तट तक श्रद्धालुओं का रेला दिखाई दे रहा था।
सुरक्षा में लगे अफसरों का अनुमान है कि, एक से डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने सोमवार को गंगा में डुबकी लगाई। सूर्य नारायण को अर्घ्य देकर मां गंगा की पूजा-अर्चना की और दान कर पुण्य लाभ कमाया। वहीं गंगा तट पर मेले जैसे माहौल रहा। बच्चों-युवाओं ने भी स्नान कर पूजा-पाठ किया, पिकनिक भी मनाया। इस दौरान ब्रजघाट से लेकर तिगरी गंगा तट हर कोई मां गंगा की भक्ति में गोता लगाता नजर आ रहा था।
सोमवती मौनी अमावस्या सात फरवरी दिन रविवार की रात 9:45 से आरंभ हो गई थी, जो सोमवार की रात 8:36 बजे तक रही। इसको लेकर रविवार की रात से ही श्रद्धालुओं ने ब्रजघाट गंगा तट की तरफ रुख कर लिया था। भोर के चार बजे से ही ब्रजघाट का मुख्य� का प्लेटफार्म श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया था।
बाद में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और सूर्य नारायण को अर्घ्य दिया, पूजा-अर्चना की। साथ ही गंगा तट पर मौजूद गरीबों को दान देकर पुण्य लाभ कमाया। वहीं भोर की गंगा आरती में तमाम श्रद्धालुओं ने भागीदारी की। उधर बच्चे, युवा व महिलाओं ने मेले का जमकर लुत्फ उठाया। वहीं तिगरी गंगा तट पर भी भोर से दोपहर तक श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। ब्रजघाट चौकी इंचार्ज संजय कुमार का कहना है कि, तकरीबन डेढ़ लाख लोगों ने स्नान किया होगा।
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