ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
बस्ती जिले में मंडलीय किसान सम्मेलन में अपना दल की नेता और मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल ने किसानों की दुर्दशा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा है कि सरकार की गलत नीतियों से परेशान किसान आज खेतीबारी छोड़ शहरों में मजदूरी के लिए विवश हो गया है। आजादी के समय किसान खुशहाल था, मगर सरकार की नीतियों के चलते आज किसान बदहाल हो गया है।
वह मंगलवार को मालवीय रोड पर स्थित मैरिज हॉल में अपना दल की ओर से आयोजित मंडलीय किसान सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं। सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा कि देश की आजादी के बाद किसान अपने बेटों को सरकारी नौकरी में नहीं भेजना चाहता था।
आज की स्थिति उसके उलट है, किसान अपने बेटे को नौकरी दिलाने के लिए रिश्वत देने तक को तैयार है। कहा कि देश और प्रदेश में मांग के सापेक्ष दाल और सब्जियों का उत्पादन कम होने से इनके दाम आसमान छूते जा रहे हैं। इसका मुख्य कारण दलहनी और सब्जियों की खेती से किसानों का मोहभंग होना है।
उन्होंने इसका प्रमुख कारण नील गायों और जंगली सूअर हैं, जो फसलों को चौपट कर किसानों की कमर तोड़ रहे हैं। नील गायों और जंगली सूअरों से निजात दिलाने के लिए उन्होंने लोकसभा में आवाज भी उठाई थी। इन्हें मारने के लिए आदेश निर्गत करने की मांग भी की थी।
अपना दल के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य धर्मराज पटेल ने कहा कि आज प्रदेश का किसान अपने उत्पादों को बेचने के लिए दरबदर भटक रहा है। धान क्रय केंद्र बंद हैं, तीन पेराई सत्र से गन्ने का दाम नहीं बढ़ाया जा रहा है। आपदा राहत की धनराशि प्रदेश सरकार अन्य कार्यों में खर्च कर रही है।
बस्ती जिले में मंडलीय किसान सम्मेलन में अपना दल की नेता और मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल ने किसानों की दुर्दशा पर चिंता जताई। उन्होंने कहा है कि सरकार की गलत नीतियों से परेशान किसान आज खेतीबारी छोड़ शहरों में मजदूरी के लिए विवश हो गया है। आजादी के समय किसान खुशहाल था, मगर सरकार की नीतियों के चलते आज किसान बदहाल हो गया है।
वह मंगलवार को मालवीय रोड पर स्थित मैरिज हॉल में अपना दल की ओर से आयोजित मंडलीय किसान सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं। सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा कि देश की आजादी के बाद किसान अपने बेटों को सरकारी नौकरी में नहीं भेजना चाहता था।
आज की स्थिति उसके उलट है, किसान अपने बेटे को नौकरी दिलाने के लिए रिश्वत देने तक को तैयार है। कहा कि देश और प्रदेश में मांग के सापेक्ष दाल और सब्जियों का उत्पादन कम होने से इनके दाम आसमान छूते जा रहे हैं। इसका मुख्य कारण दलहनी और सब्जियों की खेती से किसानों का मोहभंग होना है।
उन्होंने इसका प्रमुख कारण नील गायों और जंगली सूअर हैं, जो फसलों को चौपट कर किसानों की कमर तोड़ रहे हैं। नील गायों और जंगली सूअरों से निजात दिलाने के लिए उन्होंने लोकसभा में आवाज भी उठाई थी। इन्हें मारने के लिए आदेश निर्गत करने की मांग भी की थी।
अपना दल के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य धर्मराज पटेल ने कहा कि आज प्रदेश का किसान अपने उत्पादों को बेचने के लिए दरबदर भटक रहा है। धान क्रय केंद्र बंद हैं, तीन पेराई सत्र से गन्ने का दाम नहीं बढ़ाया जा रहा है। आपदा राहत की धनराशि प्रदेश सरकार अन्य कार्यों में खर्च कर रही है।
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