ब्रेक न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली. फ़रवरी में देश के पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव होने हैं. इससे पहले ही ओपिनियन पोल्स के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. एक ओपिनियन पोल में दावा किया गया है कि इन पांच राज्यों में से एक को छोड़ बाकी की चार विधान सभाओं में किसी को भी बहुमत नहीं मिलेगा. इस ओपिनियन पोल के मुताबिक़ केवल उत्तराखंड ऐसा राज्य है जहां बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है. इस ओपिनियन पोल को द वीक-हंसा रिसर्च ने आयोजित किया था, जिसके नतीजे गुरुवार को सामने आए.
यूपी असेंबली में बीजेपी बनेगा सबसे बड़ा दल
जहां एक तरफ इंडिया टुडे और कार्वी इनसाइट्स के ओपिनियन पोल में देश में दुबारा एनडीए की सर्कार बनने की बात सामने आई है वहीं द वीक-हंसा रिसर्च के ओपिनियन पोल के हिसाब से यूपी में इसका कोई बड़ा असर नहीं होने जा रहा. इस ओपिनियन पोल के मुताबिक़ यूपी में बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनाकर उभरेगी. स्पष्ट बहुमत किसी भी पार्टी को नहीं मिलने जा रहा. इस ओपिनियन पोल के मुताबिक यूपी असेंबली में कुल 403 सीटों में से बीजेपी को 192-196 सीटें मिल सकती हैं. वहीं सपा और कांग्रेस के गठबंधन को 178-182 सीटें तो तीसरे नम्बर पर 20-24 सीटों के साथ बीएसपी के रहने की उम्मीद है. जबकि अन्य के खाते में केवल 5-9 सीटें आने की उम्मीद है.
पंजाब में कांग्रेस बनेगी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी
द वीक-हंसा रिसर्च के ओपिनियन पोल के अनुसार पंजाब असेंबली की कुल 117 सीटों में से कांग्रेस को सबसे ज्यादा 49-51 सीटें मिल सकती हैं. जबकि क्लीन स्वीप का दावा करने वाली अलावा आम आदमी पार्टी को इस पोल के अनुसार केवल 30-35 सीटें मिलने की उम्मीद है. शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी गठबंधन को सिर्फ 28-30 सीटें और अन्य के खाते में सिर्फ 3-5 सीटें आ सकती हैं.
नई दिल्ली. फ़रवरी में देश के पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव होने हैं. इससे पहले ही ओपिनियन पोल्स के नतीजे आने शुरू हो गए हैं. पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. एक ओपिनियन पोल में दावा किया गया है कि इन पांच राज्यों में से एक को छोड़ बाकी की चार विधान सभाओं में किसी को भी बहुमत नहीं मिलेगा. इस ओपिनियन पोल के मुताबिक़ केवल उत्तराखंड ऐसा राज्य है जहां बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है. इस ओपिनियन पोल को द वीक-हंसा रिसर्च ने आयोजित किया था, जिसके नतीजे गुरुवार को सामने आए.
यूपी असेंबली में बीजेपी बनेगा सबसे बड़ा दल
जहां एक तरफ इंडिया टुडे और कार्वी इनसाइट्स के ओपिनियन पोल में देश में दुबारा एनडीए की सर्कार बनने की बात सामने आई है वहीं द वीक-हंसा रिसर्च के ओपिनियन पोल के हिसाब से यूपी में इसका कोई बड़ा असर नहीं होने जा रहा. इस ओपिनियन पोल के मुताबिक़ यूपी में बीजेपी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनाकर उभरेगी. स्पष्ट बहुमत किसी भी पार्टी को नहीं मिलने जा रहा. इस ओपिनियन पोल के मुताबिक यूपी असेंबली में कुल 403 सीटों में से बीजेपी को 192-196 सीटें मिल सकती हैं. वहीं सपा और कांग्रेस के गठबंधन को 178-182 सीटें तो तीसरे नम्बर पर 20-24 सीटों के साथ बीएसपी के रहने की उम्मीद है. जबकि अन्य के खाते में केवल 5-9 सीटें आने की उम्मीद है.
पंजाब में कांग्रेस बनेगी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी
द वीक-हंसा रिसर्च के ओपिनियन पोल के अनुसार पंजाब असेंबली की कुल 117 सीटों में से कांग्रेस को सबसे ज्यादा 49-51 सीटें मिल सकती हैं. जबकि क्लीन स्वीप का दावा करने वाली अलावा आम आदमी पार्टी को इस पोल के अनुसार केवल 30-35 सीटें मिलने की उम्मीद है. शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी गठबंधन को सिर्फ 28-30 सीटें और अन्य के खाते में सिर्फ 3-5 सीटें आ सकती हैं.
पोल बता रहा है उत्तराखंड में बीजेपी को क्लियर मेजोरिटी
इस पोल के मुताबिक़ उत्तराखंड ही अकला राज्य होगा जहां किसी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलेगा. उत्तराखंड असेंबली में कुल 70 सीटें हैं. यहां पोल के अनुसार बीजेपी को 37-39 सीटें मिल सकती हैं, जबकि दुसरे नंबर पर कांग्रेस रहेगी और उसे 27-29 सीटें मिलने का अनुमान है. बीएसपी को महज 1-3 सीटों पर सिमट सकती है. इसके अलावा अन्य के खाते में भी सिर्फ 1-3 सीटें आएंगी.
गोवा में भी बीजेपी बन सकती है सबसे बड़ा दल
द वीक-हंसा रिसर्च ओपिनियन पोल के मुताबिक़ गोवा में भी कुल 40 सीटों में से बीजेपी को 17-19 सीटें मिलेंगी और वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरेगी. वहीं गोवा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में कांग्रेस का नाम सामने आ सकता है, जिसे 11-13 सीटें मिल सकती हैं. वहीं एक बार फिर यहां आम आदमी पार्टी को झटका मिल सकता है और उसकी झोली में महज 2-4 सीटें ही आयेंगी. इसके अलावा क्षेत्रीय पार्टी गोमांतक पार्टी के गठबंधन को 3-5 सीटें मिलने की उम्मीद है. जबकि इंडिपेंडेंट को 2 सीटें मिल सकती हैं और अन्य को सिर्फ 1-3 सीटों से संतोष करना पड़ेगा.
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