ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो बस्ती
बस्ती : सेशन जज न्यायालय से हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले और बाद में उच्च न्यायालय से जमानत पर रिहा होकर हर्रैया तहसील क्षेत्र में कार्यरत लेखपाल परमात्मा प्रसाद मिश्र को डीएम ने बर्खास्त कर दिया है।
डीएम अनिल कुमार दमेले ने बताया कि शासनदेश के तहत जब तक न्यायालय की ओर से किसी को दोष मुक्त नहीं कर दिया जाता, तब तक उसे दोषी ही माना जाएगा। भले ही न्यायालय की ओर से उसे जमानत दे दी गई हो। इसी आधार पर लेखपाल को बर्खास्त किया गया है।
हत्या के आरोप में लेखपाल को सेशन जज न्यायालय बस्ती से आज से 11 साल पहले आजीवन कारावास और पांच हजार रुपये के� अर्थदंडकी सजा सुनाई थी। न्यायालय के निर्णय आने के बाद एसडीएम ने लेखपाल को 23 सितंबर 2004 को सेवा से पदच्युत कर दिया।
�उसके बाद एक अपील के तहत उच्च न्यायालय ने लेखपाल को 24 जुलाई 2012 को जमानत दे दिया। उसके बाद लेखपाल ने सेवा में पुन: लिए जाने का आवेदन दिया। उसके बाद लेखपाल को पुन: सेवा में ले लिया या। पुन: सेवा में लिए जाने आदेश के विरुद्ध वीरेंद्र कुमार उच्च न्यायालय चले गए।
�डीएम ने बताया कि अभी तक न्यायालय की ओर से इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया हैइससे यह साबित होता है कि लेखपाल अभी दोष मुक्त नहीं हुए हैं। इस मामले में विरोधी की ओर से दायर अपील के क्रम में न्यायालय ने प्रशासन को मामले को निस्तारित करने का आदेश दिया। इसके क्रम में लेखपाल को एसडीएम के सेवा पदच्युत वाले आदेश को बहाल करते हुए लेखपाल को बर्खास्त किया जाता है।
डीएम अनिल कुमार दमेले ने बताया कि शासनदेश के तहत जब तक न्यायालय की ओर से किसी को दोष मुक्त नहीं कर दिया जाता, तब तक उसे दोषी ही माना जाएगा। भले ही न्यायालय की ओर से उसे जमानत दे दी गई हो। इसी आधार पर लेखपाल को बर्खास्त किया गया है।
हत्या के आरोप में लेखपाल को सेशन जज न्यायालय बस्ती से आज से 11 साल पहले आजीवन कारावास और पांच हजार रुपये के� अर्थदंडकी सजा सुनाई थी। न्यायालय के निर्णय आने के बाद एसडीएम ने लेखपाल को 23 सितंबर 2004 को सेवा से पदच्युत कर दिया।
�उसके बाद एक अपील के तहत उच्च न्यायालय ने लेखपाल को 24 जुलाई 2012 को जमानत दे दिया। उसके बाद लेखपाल ने सेवा में पुन: लिए जाने का आवेदन दिया। उसके बाद लेखपाल को पुन: सेवा में ले लिया या। पुन: सेवा में लिए जाने आदेश के विरुद्ध वीरेंद्र कुमार उच्च न्यायालय चले गए।
�डीएम ने बताया कि अभी तक न्यायालय की ओर से इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया हैइससे यह साबित होता है कि लेखपाल अभी दोष मुक्त नहीं हुए हैं। इस मामले में विरोधी की ओर से दायर अपील के क्रम में न्यायालय ने प्रशासन को मामले को निस्तारित करने का आदेश दिया। इसके क्रम में लेखपाल को एसडीएम के सेवा पदच्युत वाले आदेश को बहाल करते हुए लेखपाल को बर्खास्त किया जाता है।
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