टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
माघ मेले को लेकर शासन और प्रशासन के तमाम दावे कोरे साबित हो रहे हैं। संगम का पानी स्नान करने योग्य नहीं है। माघ मेले के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के मौके पर संगम में स्वच्छ और निर्मल जल न उपलब्ध होने को लेकर साघु-संतों ने नाराजगी व्यक्त की है। दण्डी स्वामी महेशाश्रम महाराज ने स्नान पर्वों के बहिष्कार की घोषणा की है। दण्डी स्वामी प्रबन्धन समिति के संरक्षक स्वामी महेशाश्रम महाराज ने संगम में स्वच्छ और निर्मल जल की अनुपलब्धता को लेकर गहरी नाराजगी प्रकट की है। उन्होंने कहा है कि गंगा में दूषित जल होने से साधु सन्तों के साथ ही श्रद्धालुओं की भावनायें आहत हो रही हैं। स्वामी ने कहा कि साधु-संत गंगा पूजन तो करेंगे, लेकिन गंगा में स्वच्छ जल न आने तक स्नान पर्वों का बहिष्कार करेंगे। साघु-संतों की नाराजगी को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। इलाहाबाद के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा है कि नरौरा और टिहरी बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। आगामी पर्वों मकर संक्रान्ति और मौनी अमावस्या तक संगम में पर्याप्त स्वच्छ पानी उपलब्ध रहेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि इलाहाबाद में बगैर शोधन के गंगा में छोड़े जा रहे नालों को भी टेप करने की कार्यवाई की जा रही है। शासन और प्रशासन साधु-संतों और श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
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