ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल स्थित गोरखपुर से गोंडा तक का विद्युतीकरण अंतिम चरण में है। फिलहाल, बस्ती से गोंडा तक 89 किलोमीटर रेलखंड का कार्य पूरा हो चुका है। गोंडा से लखनऊ के बीच विद्युतीकरण हो चुका है। अब बस्ती से गोंडा तक का काम भी पूरा होने के बाद लखनऊ से बस्ती तक इलेक्ट्रिक रेलगाड़ी चलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
रेल संरक्षा आयुक्त पूर्वोत्तर रेलवे परिमंडल (सीआरएस) पी.के. वाजपेयी ने इस रूट के निरीक्षण के बाद इस पर इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने की संस्तुति दे दी है। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक, बस्ती से गोरखपुर के 64 किलोमीटर के 20 फीसद रेलखंड पर भी विद्युतीकरण कार्य तेज गति से चल रहा है। हालांकि, संबंधित संस्था की उदासीनता के चलते बीच में कार्य कुछ दिन के लिए रुका था। इसके चलते कार्य पूरा होने में दो से तीन माह लग सकते हैं। उम्मीद है कि मई तक कार्य हर हाल में पूरा हो जाएगा।
इसके बाद लखनऊ से छपरा तक मुख्य लाइन पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों का संचालन शुरू हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल स्थित गोरखपुर से छपरा के बीच लगभग 185 किलोमीटर रेलखंड का विद्युतीकरण पिछले साल पूरा हो गया था। विद्युतीकरण के फलस्वरूप गोरखपुर-भटनी-छपरा रूट पर इलेक्ट्रिक ट्रेन फर्राटा भर रही है।
इस रूट पर गोरखपुर से हटिया के बीच 15027/15028 मौर्य एक्सप्रेस इलेक्ट्रिक ट्रेन चल रही है। गत 22 नवंबर को रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने हरी झंडी दिखाकर पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन को रवाना किया था।
गोरखपुर-बस्ती-गोंडा का कार्य पूरा होते ही ट्रेनों को लिंक मिल जाएगा और लखनऊ से छपरा तक इलेक्ट्रिक गाड़ियां दौड़ने लगेंगी। विद्युतीकरण के इस पूरे काम पर नजर डालें तो बाराबंकी से छपरा 425 किलोमीटर रूट का विद्युतीकरण होना है।
बाराबंकी से गोंडा तक के रूट पर इलेक्ट्रिक मालगाड़ी चल रही है। गोंडा से बस्ती 89 किलोमीटर रेलखंड पर भी विद्युतीकरण पूरा हो चुका है, जबकि बस्ती से डोमिनगढ़ 60 किमी रूट पर विद्युतीकरण अंतिम चरण में है।
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