ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश में शुक्रवार से हुए जबर्दस्त मौसमी उलटफेर ने अन्नदाता के सामने फिर बड़ी मुसीबत पैदा कर दी। बारिश और आंधी के अलावा ओले पडऩे से रबी की फसलें बिछ गयीं। बौर झडऩे से आम की फाल को भी बड़ा नुकसान हुआ है। शनिवार को भी रुक-रुक कर आंधी और बरसात होती रही। ओले गिरने से गुलाबी ठंड लौट आयी है। कुछ जिलों में बरसात फसलों के लिए मुफीद साबित हुई। तूफानी हवा से कई मार्गों पर पेड़ भी गिर गए। पश्चिम के कई जिले शाम से फिर भीगना शुरु हो गए।
पश्चिमी उप्र में बारिश के बाद कई बार आयी आंधी से गेहूं, सरसों, चना के साथ मसूर, मटर की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। बागपत में तेज बरसात के बाद हवा से करीब दो हजार हेक्टेयर गेहूं और करीब तीन सौ हेक्टेयर सरसों की फसल जमीन पर बिछ गई है। आम से बोर झड़ गया है। गाजियाबाद व नोएडा जिले में सुबह तेज बारिश और ओले गिरने से मौसम तो ठंडा हुआ ही फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। मुरादाबाद में सुबह नौ बजे के बाद पहले हल्की बूंदाबादी और फिर कुछ देर तेज बारिश हुई। रामपुर और अमरोहा में भी आंधी के साथ हुई बारिश ने गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया। सम्भल में भी कहीं तेज तो कहीं हल्की बूंदाबांदी हुई।
शुक्रवार रात लगभग साढ़े दस बजे आगरा और मथुरा में आधा घंटे जोरदार बारिश हुई। मथुरा के फरह में ओले भी गिरे। वहीं फीरोजाबाद और एटा में बूंदाबांदी हुई और ठंडी हवाएं चलीं। मैनपुरी में बादल घिरे, मगर बारिश नहीं हुई। बुलंदशहर में शुक्रवार रात और शनिवार सुबह बारिश, आंधी और ओलावृष्टि से गेंहू, सरसों व आम की फसल को क्षति हुई है। मेरठ में शनिवार को ओलावृष्टि और बारिश के साथ आंधी फसलों के लिए आफत बन गयी। मवाना में शुक्रवार रात मूसलाधार बारिश हुई। कई मार्गों पर आंधी से पेड़ भी गिर गए। शनिवार सुबह ओलावृष्टि भी हुई। बिजनौर मेें मौसम इनपुट बिजनौर शुक्रवार देर शाम से मौसम का मिजाज बदली। रात में तेज हवा के साथ बारिश और फिर शनिवार सुबह बारिश और ओलावृष्टि हुई। गेहूं व तिलहन की फसलों को नुकसान हुआ है। गन्ने के अगोले को भी क्षति पहुंची। सहारनपुर में शनिवार को आसमान से आफत बरसाई। खासकर बेहट, देवबंद व गंगोह तहसील क्षेत्र में ओलावृष्टि ने तबाही मचा दी। शनिवार को दोपहर १.३० बजे तूफान व बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि शुरू हुई। आम की फसल तो सर्वाधिक प्रभावित हुई है साथ ही रबी मौसम की गेहूं, चना, प्याज, संतरा, सब्जी सहित सारी फसल बर्बाद हो गई।
बरेली में शुक्रवार रात दो बजे के बाद हुई हल्की बारिश गेहूं और गन्ने की फसल के लिए अमृत बनी। रात में मौसम ठंडा हुआ लेकिन दिन में तेज धूप से सामान्य हो गया। पीलीभीत में भी तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई। सुबह छह बजे तक रुक रुक कर हल्की बारिश होती रही लेकिन हवा तेज न होने से किसानों को राहत मिली। बदायूं में भी मौसम का यही हाल रहा। अलीगढ़ में शुक्रवार को आई आंधी, बारिश व ओलावृष्टि से गभाना तहसील में ज्यादा नुकसान हुआ है। लाहा की फसल बिछ गई। शनिवार को मौसम सामान्य रहा। हवा तेज चली। हाथरस जिले में भी शुक्रवार रात बारिश के साथ तेज हवाओं ने किसानों के चेहरे पर भी ङ्क्षचता की लकीर खींच दी। कई जिलों में धूलभरी आंधियों ने भी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। श्रावस्ती में धूल भरी तेज आंधी से माहौल में गुबार छा गया। खेतों में कटी पड़ी तिलहनी फसलें उड़ गईं। आम के बौर को भी नुकसान हुआ है। रायबरेली, अमेठी, सीतापुर, बाराबंकी, गोंडा में तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई। सोनभद्र, बलिया, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, अमरोहा ,जौनपुर, मीरजापुर, चंदौली, भदोही सहित वाराणसी जिले में शनिवार सुबह से बादल छाए रहे। रह-रहकर हवा का झोंका ठंड का अहसास कराता रहा। बादल कई बार पसीजते पसीजते रह गए। इलाहाबाद, प्रतापगढ़ और कौशांबी में बादल छाए और हल्की बूंदाबांदी हुई।
ओलावृष्टि से फसलें तबाह : निरंजन ज्योति
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि पिछले दिनों कई जिलों में हुए ओलावृष्टि से फसलें लगभग तबाह हो गई हैं। उन्होंने हमीरपुर के झलोखर गांव में खेतों में जाकर हालात देखे। किसानों को क्षतिपूर्ति दिलाए जाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने रामकुमार सिंह के गेंहू के खेत में तथा कृपा शंकर सिंह के मटर, लाही के खेत में जाकर हालात देखे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र भेजकर फसलों के नुकसान का सर्वे कराने की मांग करेंगी। केंद्र सरकार को इस आपदा से अवगत कराया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि सात मार्च की शाम को कुरारा क्षेत्र में आधे घंटे से अधिक ओलावृष्टि हुई थी। दो सौ ग्राम से अधिक वजन के ओले खेतों में बिछ गए थे। इससे दलहनी, तिलहनी तथा गेंहू की फसल में शतप्रतिशत नुकसान हुआ है। सबसे अधिक नुकसान पतारा, झलोखर गांव में हुआ था। इनका अभी तक लेखपाल द्वारा सर्वे नहीं किया गया है
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