Wednesday, March 9, 2016

विजय माल्‍या इंडिया से फरार

बिजनेस टाइकून विजय माल्‍या से लोन वसूली को लेकर मंगलवार को एसबीआई समेत 19 बैंकों सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की. इन बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है कि माल्या को देश छोड़ने से रोका जाए, लेकिन उससे पहले ही वो देश छोड़ चुके हैं. विजय माल्या पर करीब 9 हजार करोड़ का कर्ज है.
टाइम्‍स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले बैंकों ने कहा कि माल्‍या को विदेश जाने से रोके क्‍योंकि उन पर 9000 करोड़ रुपये का बकाया है. माल्‍या के प्रवक्‍ता ने बताया है कि उन्‍हें कोई जानकारी नहीं है कि वह कहां है और वह उनसे केवल ईमेल के जरिए संपर्क में हैं.
बैंकों का कहना है कि माल्या के विदेश जाने से उनकी कंपनी से कर्ज वसूली के जो प्रयास चल रहे हैं, उन पर असर पड़ेगा. उधर, वित्त मंत्रलय के अधिकारियों का कहना है कि किंगफिशर पर बकाए राशि की वसूली में बैंकों को कितनी सफलता मिलती है, इससे आने वाले दिनों में एनपीए से जुड़े मामलों की दशा व दिशा तय होगी. यही वजह है कि वित्त मंत्रलय की तरफ से बैंकों को यह हरी झंडी दे दी गई है कि माल्या से कर्ज वसूली के लिए जो भी संभव हो, वह कदम उठाए जाने चाहिए.
वहीं एक तरफ विजय माल्या खुद को विलफुल डिफाल्टर नहीं मानते, जबकि दूसरी तरफ यूबी ग्रूप के एसेट पर उनका कहना है कि वे बैंक के कर्जदार हैं, उनकी यूबी ग्रूप नहीं. इसके अलावा उनका कहना है कि बैंक उनको विलफुल डिफाल्टर घोषित नहीं कर सकता, क्योंकि वे भारतीय नहीं एनआरआई हैं.
माल्‍या पर अभी 2000 करोड़ की संपत्ति
माल्या मौजूदा समय में यूनाइटेड ब्रेवेरीज (यूबी) ग्रुप के चेयरमैन हैं. इस ग्रुप की वैल्यू अभी 1750 करोड़ रुपए है. उनके पास अमेरिका, यूके सहित दुनिया भर के कई देशों में प्रापर्टी हैं. इन सबको मिला दिया जाए तो माल्या के पास करीब 2000 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है. बैंक चाहते हैं कि इन प्रापर्टी को बेचकर उनका कर्ज चुकाया जाए.
बैंकों ने पहले ही जताई थी आशंका
बैंकों का पहले ही कहना था कि विजय माल्या अमेरिका और यूके जाकर आराम की जिंदगी जी सकते हैं, क्योंकि वहां उन्होंने इसके लिए पूरा इंतजाम करवा रखा है. यही कारण है कि बैंक नहीं चाहते कि विजय माल्या को विदेश जाने की इजाजत दी जाए.
ये भी हैं कर्जदार
माल्या ही नहीं बल्कि कई मौजूदा सांसद और पूर्व सांसद बैंक डिफॉल्टर्स हैं. इस सूची में सबसे पहला नंबर है आंध्रप्रदेश का. 2014 से विशाखापतनम से कांग्रेस के सांसद रहे लगाड़ापति राजगोपाल और लैंको राजगोपाल भी भारत के सबसे बड़े बैंक डिफॉल्टर्स में शुमार हैं.

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