ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
बलिया जिले के प्राथमिक विद्यालय बहादुरपुर में पिछले दिनों मिड डे मील कांड के बाद शिक्षकों और रसोइयों के आननफानन में निलंबन, फिर बहाली व अंतत: तैनाती ने सभी को हैरत में डाल दिया है। लोग समझ नहीं पा रहे कि विभाग ने इतनी बड़ी लापरवाही भरी घटना के बाद जनता के साथ क्या न्याय किया ? बिना निर्दोष साबित हुए रसोइए से लेकर प्रधानाध्यापिका और शिक्षक सभी बहाल कर दिए गए। तीन दिन में मांगी गई मजिस्ट्रेटियल जांच अभी भी लंबित है।
विधि विज्ञान केंद्र लखनऊ को भेजा गया भोजन के नमूने की जांच भी अभी तक नहीं आई है। ऐसे में साफ है कि विभागीय अधिकारियों नेे इतनी बड़ी लापरवाही की सजा शिक्षक व रसोइए को नहीं, बल्कि छात्र व अभिभावकों को दी है। इस बीच एक माह तक विद्यालय बंद रहा। छात्र पढ़ाई से वंचित रहे और ग्रामीणों को भी मुकदमा तक झेलना पड़ा। लेकिन शिक्षा विभाग अपने जगह पर आज भी कायम है।
बीते 19 मार्च को मिड-डे-मीड का भोजन जहरीला होने से 139 बच्चे अचानक बीमार हो गए थे। आनन-फानन में सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया। घटना के दिन चहुुुंओर हाय-तौबा मची थी। जिले के आला अफसर इसे लेकर काफी संवेदनशील दिखाई दे रहे थे। बीएसए डा. राकेश सिंह ने तत्काल प्रभाव से चार शिक्षकों को निलंबित करने के साथ ही तीन रसोइयों और एक प्रेरक को कार्यमुक्त कर दिया था।
तब प्रभारी जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी बैरिया देवेश गुप्ता के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी थी। भोजन का नमूना लखनऊ भेजा गया। लेकिन आज तक न ही लखनऊ से जांच रिपोर्ट आई न ही मजिस्ट्रेटीय जांच ही पूरी हुई। बावजूद सभी शिक्षकों निर्दोष मानते हुए 31 मार्च को ही बहाल कर दिया गया। इतना ही नहीं जिन रसोइयों के लापरवाही के कारण सेवा समाप्त की गई थी, उन्हें भी बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह के द्वारा दो अप्रैल को ही बहाल कर दिया था।
अब यहां प्रश्न यह उठता है कि सेवा समाप्ति के बाद बिना जांच रिपोर्ट आए बेसिक शिक्षा अधिकारी उन्हें कैसे बहाल कर दिया ? सभी को अगर 31 मार्च से दो अप्रैल के बीच बहाल कर दिया गया, तो फिर विद्यालय जल्दी क्यों नहीं खुला, विद्यालय 20 अप्रैल को क्यों खोला गया ? विद्यालय पर अभी तक कोई प्रधानाध्यापक नियुक्त नहीं है। तीन सहायक अध्यापक ही हैं। यह प्रश्न सभी लोगों के दिमाग में घूम रहा है कि प्रधानाध्यापक की तैनाती अभी तक क्यों नहीं की गई है ?
रिपोर्ट : अंजनी राय ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो बलिया
बलिया जिले के प्राथमिक विद्यालय बहादुरपुर में पिछले दिनों मिड डे मील कांड के बाद शिक्षकों और रसोइयों के आननफानन में निलंबन, फिर बहाली व अंतत: तैनाती ने सभी को हैरत में डाल दिया है। लोग समझ नहीं पा रहे कि विभाग ने इतनी बड़ी लापरवाही भरी घटना के बाद जनता के साथ क्या न्याय किया ? बिना निर्दोष साबित हुए रसोइए से लेकर प्रधानाध्यापिका और शिक्षक सभी बहाल कर दिए गए। तीन दिन में मांगी गई मजिस्ट्रेटियल जांच अभी भी लंबित है।
विधि विज्ञान केंद्र लखनऊ को भेजा गया भोजन के नमूने की जांच भी अभी तक नहीं आई है। ऐसे में साफ है कि विभागीय अधिकारियों नेे इतनी बड़ी लापरवाही की सजा शिक्षक व रसोइए को नहीं, बल्कि छात्र व अभिभावकों को दी है। इस बीच एक माह तक विद्यालय बंद रहा। छात्र पढ़ाई से वंचित रहे और ग्रामीणों को भी मुकदमा तक झेलना पड़ा। लेकिन शिक्षा विभाग अपने जगह पर आज भी कायम है।
बीते 19 मार्च को मिड-डे-मीड का भोजन जहरीला होने से 139 बच्चे अचानक बीमार हो गए थे। आनन-फानन में सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया। घटना के दिन चहुुुंओर हाय-तौबा मची थी। जिले के आला अफसर इसे लेकर काफी संवेदनशील दिखाई दे रहे थे। बीएसए डा. राकेश सिंह ने तत्काल प्रभाव से चार शिक्षकों को निलंबित करने के साथ ही तीन रसोइयों और एक प्रेरक को कार्यमुक्त कर दिया था।
तब प्रभारी जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी बैरिया देवेश गुप्ता के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी थी। भोजन का नमूना लखनऊ भेजा गया। लेकिन आज तक न ही लखनऊ से जांच रिपोर्ट आई न ही मजिस्ट्रेटीय जांच ही पूरी हुई। बावजूद सभी शिक्षकों निर्दोष मानते हुए 31 मार्च को ही बहाल कर दिया गया। इतना ही नहीं जिन रसोइयों के लापरवाही के कारण सेवा समाप्त की गई थी, उन्हें भी बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह के द्वारा दो अप्रैल को ही बहाल कर दिया था।
अब यहां प्रश्न यह उठता है कि सेवा समाप्ति के बाद बिना जांच रिपोर्ट आए बेसिक शिक्षा अधिकारी उन्हें कैसे बहाल कर दिया ? सभी को अगर 31 मार्च से दो अप्रैल के बीच बहाल कर दिया गया, तो फिर विद्यालय जल्दी क्यों नहीं खुला, विद्यालय 20 अप्रैल को क्यों खोला गया ? विद्यालय पर अभी तक कोई प्रधानाध्यापक नियुक्त नहीं है। तीन सहायक अध्यापक ही हैं। यह प्रश्न सभी लोगों के दिमाग में घूम रहा है कि प्रधानाध्यापक की तैनाती अभी तक क्यों नहीं की गई है ?
रिपोर्ट : अंजनी राय ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो बलिया

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