ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
यूपी प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार मंगलवार को सत्ता में चार साल पूरे होने पर इसे समाजवादी विकास दिवस के रूप में मना रही है. जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर अधिकारीयों, जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अखिलेश सरकार द्वारा अब तक किये गए विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जाएं. लोगों को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा किये गए विकास कार्यों और पूरे हुए वादों को जनता के बीच रखा जाए ताकि इसका फायदा आगामी विधान सभा चुनाव में पार्टी को मिले.
जहां एक ओर सत्ताधारी पार्टी अपने उपलब्धियों को गिनाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है वहीं विपक्षी पार्टीयों ने समाजवादी पार्टी सरकार के पिछले चार साल के कार्यों को नाउम्मीदी और निराशा का साल बताया है. विपक्षी दलों के मुताबिक इन सालों में प्रदेश की कानून व्यवस्था धरासायी हो गयी जबकि लोगों में दहशत का माहौल है. अपराधी बेख़ौफ़ हैं और पुलिस का मनोबल भी गिरा है.
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी सत्यदेव त्रिपाठी के मुताबिक ये चार साल असफलता, वादाखिलाफी और जनता की बदहाली के नाम रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश की कानून व्यवस्था गिरी है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है उससे साफ़ है कि सपा सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. त्रिपाठी ने कहा कि सपा सरकार के चार साल असफलता और निराशा का कार्यकाल रहा है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी इस मौके पर सरकार को कोसने में पीछे नहीं रहे. उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश के नेतृत्व में प्रदेश ने ख़राब क़ानून व्यवस्था का कीर्तिमान स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आये दिन हत्या, रेप, लूट की वारदात हो रही है उससे प्रदेश क्राइम स्टेट बन गया है.
वाजपेयी ने कहा, ‘ये ऐसी सरकार है जो विकास का महज दावा करती है, केंद्र प्रायोजित कार्यक्रमों को लागू नहीं किया गया. बजट में प्रस्तावित फण्ड का महज 24 फ़ीसदी ही प्रयोग हुआ. यह वो सरकार है जो मौसम की मार झेल रहे किसानों की भी सुध नहीं ली. केंद्र की तरफ से मिली 2801 करोड़ की सहायता राशि भी नहीं बांटी गयी. ओलावृष्टि के लिए मिले 1300 करोड़ का भी प्रयोग नहीं हुआ.”
उन्होंने कहा इस सरकार में अनिल यादव और यादव सिंह जैसे भ्रष्ट अफसरों को संरक्षण देकर युवाओं के साथ खिलवाड़ किया गया. इस सरकार के चार साल नाउम्मीदी और भ्रष्टाचार का कार्यकाल रहा है.
बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी अखिलेश सरकार को नाकामी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला बताया
यूपी प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार मंगलवार को सत्ता में चार साल पूरे होने पर इसे समाजवादी विकास दिवस के रूप में मना रही है. जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर अधिकारीयों, जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अखिलेश सरकार द्वारा अब तक किये गए विकास कार्यों को लेकर जनता के बीच जाएं. लोगों को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा किये गए विकास कार्यों और पूरे हुए वादों को जनता के बीच रखा जाए ताकि इसका फायदा आगामी विधान सभा चुनाव में पार्टी को मिले.
जहां एक ओर सत्ताधारी पार्टी अपने उपलब्धियों को गिनाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है वहीं विपक्षी पार्टीयों ने समाजवादी पार्टी सरकार के पिछले चार साल के कार्यों को नाउम्मीदी और निराशा का साल बताया है. विपक्षी दलों के मुताबिक इन सालों में प्रदेश की कानून व्यवस्था धरासायी हो गयी जबकि लोगों में दहशत का माहौल है. अपराधी बेख़ौफ़ हैं और पुलिस का मनोबल भी गिरा है.
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी सत्यदेव त्रिपाठी के मुताबिक ये चार साल असफलता, वादाखिलाफी और जनता की बदहाली के नाम रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रदेश की कानून व्यवस्था गिरी है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है उससे साफ़ है कि सपा सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. त्रिपाठी ने कहा कि सपा सरकार के चार साल असफलता और निराशा का कार्यकाल रहा है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी इस मौके पर सरकार को कोसने में पीछे नहीं रहे. उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश के नेतृत्व में प्रदेश ने ख़राब क़ानून व्यवस्था का कीर्तिमान स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आये दिन हत्या, रेप, लूट की वारदात हो रही है उससे प्रदेश क्राइम स्टेट बन गया है.
वाजपेयी ने कहा, ‘ये ऐसी सरकार है जो विकास का महज दावा करती है, केंद्र प्रायोजित कार्यक्रमों को लागू नहीं किया गया. बजट में प्रस्तावित फण्ड का महज 24 फ़ीसदी ही प्रयोग हुआ. यह वो सरकार है जो मौसम की मार झेल रहे किसानों की भी सुध नहीं ली. केंद्र की तरफ से मिली 2801 करोड़ की सहायता राशि भी नहीं बांटी गयी. ओलावृष्टि के लिए मिले 1300 करोड़ का भी प्रयोग नहीं हुआ.”
उन्होंने कहा इस सरकार में अनिल यादव और यादव सिंह जैसे भ्रष्ट अफसरों को संरक्षण देकर युवाओं के साथ खिलवाड़ किया गया. इस सरकार के चार साल नाउम्मीदी और भ्रष्टाचार का कार्यकाल रहा है.
बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने भी अखिलेश सरकार को नाकामी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला बताया
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