ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
उत्तराखंड में 24 घंटे पहले हरीश रावत सरकार को उड़ाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने जो तूफान खड़ा किया था. शुक्रवार शाम होते-होते वह शांत होता दिखाई दिया.
हरीश रावत ने न सिर्फ भाजपा आलाकमान की रणनीति की हवा निकाल दी बल्कि एक बार फिर अपनी सरकार भी बचा ली.
इस पूरे मामले में जहां भाजपा की किरकिरी हुई. वहीं, हरीश रावत प्रदेश की राजनीति के ‘खली’ साबित हुए.
हाल ही में हरीश रावत ने स्वयं को उत्तराखंड का खली बताया था. बताया गया है कि हरीश रावत ने अपने सभी असंतुष्टों को शाम होते होते ‘मैनेज’ कर लिया है.
हालांकि सदन में अभी बजट को पास करने को लेकर चर्चा हो रही है. लेकिन, सूत्रों के हवाले से जो बात सामने आ रही है उसके मुताबिक़ भाजपा की रणनीति हवा निकल चुकी है. हरीश रावत सरकार को फिलहाल सुरक्षित माना जा रहा है.
हरीश रावत ने न सिर्फ भाजपा आलाकमान की रणनीति की हवा निकाल दी बल्कि एक बार फिर अपनी सरकार भी बचा ली.
इस पूरे मामले में जहां भाजपा की किरकिरी हुई. वहीं, हरीश रावत प्रदेश की राजनीति के ‘खली’ साबित हुए.
हाल ही में हरीश रावत ने स्वयं को उत्तराखंड का खली बताया था. बताया गया है कि हरीश रावत ने अपने सभी असंतुष्टों को शाम होते होते ‘मैनेज’ कर लिया है.
हालांकि सदन में अभी बजट को पास करने को लेकर चर्चा हो रही है. लेकिन, सूत्रों के हवाले से जो बात सामने आ रही है उसके मुताबिक़ भाजपा की रणनीति हवा निकल चुकी है. हरीश रावत सरकार को फिलहाल सुरक्षित माना जा रहा है.
क्या है विधानसभा की स्थिति
विधानसभा में कांग्रेस के 36, भाजपा के 28, निर्दलीय 03, बसपा के 02 और यूकेडी का एक विधायक है. कांग्रेस को अपने 36 विधायकों के साथ-साथ पीडीएफ (निर्दलीय, बसपा और यूकेड) के छह विधायकों का भी समर्थन हासिल है.
कांग्रेस की मानें तो उसे कुल 42 विधायकों का समर्थन हासिल है, लेकिन बहुगुणा गुट के छह विधायक खुलकर हरीश रावत के विरोध में हैं तो भाजपा सूत्रों का दावा है कि कम से कम कांग्रेस के दस असंतुष्ट विधायक भाजपा के संपर्क में हैं. उधर, पीडीएफ में भी, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए सतपाल महाराज के समर्थक कुछ विधायक, भाजपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं
विधानसभा में कांग्रेस के 36, भाजपा के 28, निर्दलीय 03, बसपा के 02 और यूकेडी का एक विधायक है. कांग्रेस को अपने 36 विधायकों के साथ-साथ पीडीएफ (निर्दलीय, बसपा और यूकेड) के छह विधायकों का भी समर्थन हासिल है.
कांग्रेस की मानें तो उसे कुल 42 विधायकों का समर्थन हासिल है, लेकिन बहुगुणा गुट के छह विधायक खुलकर हरीश रावत के विरोध में हैं तो भाजपा सूत्रों का दावा है कि कम से कम कांग्रेस के दस असंतुष्ट विधायक भाजपा के संपर्क में हैं. उधर, पीडीएफ में भी, कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए सतपाल महाराज के समर्थक कुछ विधायक, भाजपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं
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