Thursday, February 15, 2018

हैंडपंप के री-बोर के नाम पर करोडो का घोटाला-महराजगंज से राम-बहादुर की रिपोर्ट


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
महराजगंज जिले में इंडिया मार्का हैंडपंप के री-बोर के नाम पर चार करोड़ 94 लाख 98 हजार 200 रुपए का बड़ा घोटाला हुआ है! मामला सामने आने पर डीपीआरओ ने जांच शुरू कराई तो सभी ग्राम पंचायतों में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। री-बोर के नाम पर निकाले गए धन को पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान ने मिलकर बांट लिया। कोरम पूरा करने के लिए हैंडपंप की बस मरम्मत ही कराया। वित्तीय वर्ष 2017-18 में जल निगम ने ग्राम पंचायतों में खराब पड़े हैंडपंपों के री बोर का प्रस्ताव दिया। जांच में 21 सौ हैंडपंप को री बोर के योग्य माना गया। वहीं जिला पंचायत राज विभाग ने ग्राम पंचायत सचिवों के माध्यम से 923 ग्राम पंचायतों में 1542 हैंडपंपों को री बोर करा दिया। रिपोर्ट भी जल निगम को भेज दी। एक री-बोर पर 32 हजार सौ रुपए खर्च आया। इसके अनुसार पूरे जिले में री बोर के नाम पर चार करोड़ 94 लाख 98 हजार 200 रुपए खर्च हुए। लेकिन इनमें अधिकतर हैंडपंप को री बोर नहीं किया गया। मात्र मरम्मत के नाम पर पैसा निकाल लिया गया।
जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में 27 जनवरी को पांचों विधायकों ने मामला उठाया तो अधिकारियों के होश उड़ गए। आननफानन में जांच शुरू हुई तो पंचायत सचिवों और ग्राम प्रधानों की मिलीभगत सामने आई। लेकिन अब तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकी।
 सचिव के खेल में ‘साहब’ की भी हिस्सेदार!
खराब पड़े इंडिया मार्का हैंडपंप के री-बोर में लूट यूं ही नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार पूरे मामले में सचिवों के साथ ही विभागीय अधिकारियों की भी बराबर की भागीदारी रही। ब्लॉक से लगायत जिले तक के जिम्मेदारों ने हिस्सेदारी कर भुगतान पर मुहर लगाई। जागरूकता के अभाव में ग्रामीणों ने शिकायत भी नहीं की री-बोर के नाम पर यह खेल तो बस बानगी है
14वें वित्त आयोग के तहत री-बोर में मिले सरकारी धन को सचिवों ने बड़ी सावधानी से हजम किया। गांव में री-बोर कहां- कहां कराया गया उसका जिक्र ही रिपोर्ट में नहीं किया। बानगी के तौर पर सदर क्षेत्र के ग्राम पंचायत बभनौली में चार बार में री-बोर के नाम पर 75 हजार रुपए निकाले गए। इसी प्रकार मिठौरा क्षेत्र के औराटार गांव में भी आठ बार में दो लाख 40 हजार रुपए निकाले गए। घुघली ब्लॉक के अहिरौली गांव में भी री-बोर के नाम पर एक लाख 20 हजार रुपए निकाल लिए गए। लेकिन री-बोर कहां हुआ किसी को जानकारी नहीं। ग्रामीण भी हैंडपंप री बोर के बारे में नहीं जानते।

———————— जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर जांच की गई। अधिकतर गांवों में री बोर के नाम पर गलत निकासी का मामला सामने आया है। रिपोर्ट तैयार कर संबंधित ग्राम प्रधान और सचिव के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नित्यानन्द, प्रभारी डीपीआरओ

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