ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
राजस्थान की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनीता भंदेल ने राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर केंद्र सरकार से अधिक मदद का आग्रह किया है। उन्होंने प्रदेश में अधिक अपराजिता केन्द्र (वन स्टॉप क्राइसिस मैनजमेंट सेंटर फॉर विमेन) स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया है। भंदेल शनिवार को नई दिल्ली में राज्यों के महिला एवं बाल विकास मंत्रियों के एक दिवसीय सम्मेलन में बोल रही थीं। उन्होंने कहा, “राजस्थान में एक ओर जहां बहुत बड़ा मरुस्थलीय क्षेत्र होने के कारण छितराई हुई आबादी है, वहीं दूसरी और प्रदेश के आदिवासी और पहाड़ी क्षेत्रों की अपनी अलग जटिलता हैं। ऐसी परिस्थितियों में जरूरतमंद महिलाओं और बच्चों तक पोषाहार सामग्री आदि भिजवाना किसी चुनौती से कम नहीं है। लिहाजा केन्द्र सरकार को राजस्थान के लिए अतिरिक्त बजट आवंटित करना चाहिए।”
भंदेल ने बताया कि राज्य में आंगनवाड़ी केन्द्रों को ‘नंद-घर’ बनाने के साथ ही राज्य में आई.सी.डी.एस. सेवाओं, सर्वश्रेष्ठ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका व आशा सहयोगी आदि को ‘माता यशोदा पुरस्कार’ प्रदान करने की योजना शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य के पाली जिले में महिला सशक्तीकरण की अनूठी पहल करते हुए देश का पहला कन्वर्जेन्स पायलट प्रोजेक्ट की सफलता से प्रेरित होकर भारत सरकार द्वारा भी सभी राज्यों की 10-10 ग्राम पंचायतों में इसका क्रियान्वयन शुरू किया गया है। सम्मेलन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के साथ ही रामलाल, डॉ. विनय सहस्त्रबुद्घे, राजेन्द्र फडके, तरुण चुग आदि ने भी अपने विचार रखे।

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