Sunday, May 13, 2018

कैदियों को ठीक से रखो, या जेल से बाहर करो: सुप्रीम कोर्ट


टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली. देशभर के जेलों में कैदियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इस पर देश के शीर्ष अदालत ने चिंता व्यक्त की है.अदालत ने कहा कि बढ़ती हुई कैदियों की संख्या से हम चिंतित हैं. हमे इस विषय पर गंभीर होकर सोचना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मसले को 'मानवाधिकार उल्लंघन' के तौर पर देखते हुए इस पर विचार होना चाहिए. इतना ही नहीं, कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से अनुरोध किया है कि वे खुद पहल कर इस समस्या का हल निकालें.
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, 'जेलों में बढ़ती कैदियों की संख्या के मामलों को जेल अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. ऐसी कई जेल हैं, जहां कैदियों की भीड़ 100 फीसद से भी ज्यादा है और कुछ मामलों में तो यह 150 फीसद के पार है.
पीठ ने कहा कि हमारी राय में इस मामले पर राज्य उच्च सेवा प्राधिकरण/ उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति की सहायता से स्वतंत्र रूप से प्रत्येक उच्च न्यायालय द्वारा विचार किया जाना चाहिए ताकि जेलों में कैदियों की बढ़ती संख्या कम हो सकें, क्योंकि यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला हो जाता है।
कैदियों को ठीक से रखो, या जेल से बाहर करो: सुप्रीम कोर्ट
खंडपीठ ने उच्चतम न्यायालय के महासचिव से अनुरोध किया कि वह अपने आदेश की प्रतिलिपि हर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को आवश्यक कदमों के लिए भेजें और उसे वापस रिपोर्ट करें.
सर्वोच्च न्यायालय ने जेलों में कर्मचारियों की रिक्ति (भर्ती) के मुद्दे को भी सुना और उसने पाया कि जेलों में कर्मचारियों की भर्ती में अधिकारियों और राज्य सरकारों द्वारा कम रुचि दिखाई पड़ रही थी.
इसके चलते कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से इस मुद्दे को सुओ-मोटो रिट याचिका के रूप में लेने के लिए कहा. बता दें कि सुओ-मोटो रिट याचिका का मतलब होता है कि जब न्यायपालिका किसी भी शिकायत या याचिका के बिना किसी मामले को खुद उठाती (संज्ञान) है.
इस बीच केंद्र ने खंडपीठ को सूचित किया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय महिला कैदियों और उनके बच्चों पर राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालय के माध्यम से अध्ययन कर रही है और यह 30 जून तक पूरा हो जाएगा. सरकार ने कहा कि मंत्रालय अध्ययन को देखने के बाद तीन हफ्ते के अंदर आवश्यक कदम उठाएगा.

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