Monday, April 17, 2017

गोंडा : एटीएम बने शो-पीस , कैश की किल्लत


32 ATM locks, cash shortage
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
गोंडा आरबीआई की ओर से पर्याप्त रुपयों की सप्लाई न करने से जिले में कैश का संकट दिखने लगा है। कैश की किल्लत से सभी एटीएम बूथों के शटर गिर गए हैं। पिछले सप्ताह से ही कई एटीएम के तो ताले तक नहीं खुले हैं। इस समय शहर गोंडा में ही करीब 32 एटीएम बंद पड़े हैं। इसमें कुछ तो दिखावे के खुले हैं तो कुछ के शटर आधा डाउन और कुछ में ताले लटक रहे हैं। एटीएम कार्डधारक पैसा न निकल पाने से अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं
बैंक में अवकाश होने से रविवार को कैश की किल्लत भारी पड़ी। ऐसा माना जा रहा है कि कैश की किल्लत से एटीएम के संचालक एटीएम में कैश नही भर पा रहे हैं। वहीं शहर के भर के एक दो एटीएम को छोड़कर किसी भी एटीएम का संचालन न होने से एटीएम कार्डधारकों को पैसा निकालने के लिए शहर भर के एटीएम बूथों पर दौड़ लगानी पड़ रही हैं।

रविवार को बैंक में अवकाश रहने से स्टेट बैंक, एडीबी, आईसीआईसीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक, सिंडिकेट बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्रा, यूनियन बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, एक्सिस बैंक, इलाहाबाद बैंक, एचडीएफसी बैंक, केनरा बैंक, पीएनबी आदि बैंक के लगभग सभी एटीएम कैश से सूखे रहे। शहर सिविल लाइन मोहल्ले में बैंक ऑफ इंडिया व पीएसी गेट पर पीएनबी का एक एटीएम चलता पाया गया। रविवार को यहां पैसा निकालने वालों की भीड़ रही। वहीं, सबसे बुरा हाल ग्रामीण क्षेत्र के एटीएम बूथों पर हैं। कटरा बाजार, करनैलगंज व छपिया और मनकापुर क्षेत्र के बैंकों के एटीएम पर इस समय लगातार कुछ दिनों से तालाबंदी है। 
    
कैश की किल्लत से परेशान लोग सरकार के अचानक कैशलेस ट्रांजेक्शन की नीति अपनाने की खबरों से सकते में है। लोगों का कहना है कि सरकार सबसे पहले पूरे सिस्टम को ठीक करे। खाताधारकों व उपभोक्ताओं को प्रशिक्षित करे उसके बाद कैशलेस की नीति अपनाए तो बेहतर होगा।

कार्डधारक शिव प्रसाद यादव का कहना है कि अभी कैशलेस ट्रांजेक्शन संभव नहीं है। लोगों को नकद पैसों की जरूरत है। कार्डधारक उमेश कुमार का कहना है कि छोटी छोटी जरूरतों के लिए कैश की जरूरत है, वह कैशलेस नहीं हो सकती है। इसके लिए सरकार अभी होमवर्क करें, जनता के लिए सुविधाएं बनाए।
       
एलडीएम एके पांडेय ने कहा कि बैंकों में कैश की किल्लत नहीं है और न ही आरबीआई की ओर से कोई सूचना दी गई है। एटीएम बूथों का संचालन बैंक की ओर से नहीं होता है। बैंकों के नाम पर एटीएम का संचालन करने वाले कैश भरते हैं, वही इसके जिम्मेदार हैं। उनका अलग-अलग बैंकों से समझौता होता है।       
 

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