Friday, April 21, 2017

गोंडा : कान्वेंट स्कूल से चार कदम आगे ये हाई-टेक सरकारी स्कूल ..गोंडा से सुभाष सिंह की रिपोर्ट



ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो गोंडा
कान्वेंट की तर्ज़ पर गोंडा का धौरहरा प्राथमिक स्कूल।  सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान रहे, चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे, ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल, मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे। राहत इंदौरी साहब की ये लाइनें गोंडा जिले के धौरहरा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक रवि प्रताप सिंह और उनके अथक प्रयासों पर बिलकुल सटीक बैठती हैं।

उत्तर प्रदेश की मौजूदा बदहाल प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था के बीच इन्होने कभी न थकने की कसम खाई है और बेहतर शिक्षा से महरूम तमाम बच्चों को तराशने का काम कर रहे हैं। अपनी तनख्वाह और लोगों के सहयोग से इन्होने इस स्कूल में स्मार्ट क्लास के लिये कम्प्यूटर, लैपटॉप, प्रोजेक्टर, सीसीटीवी और इंटरैक्टिव क्लास जैसी तमाम व्यवस्थाएं कर रखी है जो भारी भरकम फीस वसूलने वाले निजी विद्यालयों को भी मात देते हैं। इस स्कूल की लोकप्रियता का आलम यह है की यहां विदेशी प्रतिनिधिमंडल भी शिरकत कर चुका है और यह स्कूल गूगल पर भी दर्ज है, तथा अपने उत्कृष्ट कार्यो के। लिये कई सरकारी व्। अर्धसरकारी संस्थाओ द्वारा पुरुस्कृत किया जा चुका है ।पेश है शिक्षा के अधिकार के लिए रवि प्रताप सिंह के प्रयासों पर आधारित गोंडा से सुभाष सिंह की एक विशेष रिपोर्ट जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर जिले के कर्नलगंज शिक्षा क्षेत्र के सरयू नदी के कक्षार में स्थित यह धौरहरा प्राथमिक विद्यालय आज विश्व के मानचित्र पर अपनी विशेष जगह बना चुका है।

अपनी अनोखी शिक्षा पद्धति और शिक्षक के व्यक्तिगत प्रयास से यहां हर वह आधुनिक शिक्षा दी जाती है जो मौजूदा हालात में छात्र छात्राओं को आज के माहौल के साथ चलना सिखाती है। इस विद्यालय में शिक्षक रवि प्रताप सिंह ने अपने सहयोगियों  की मदद और अपनी निजी सैलरी से कम्प्यूटर, लैपटॉप और बायोमेटिक सिस्टम से हाजिरी लेने का इंतजाम किया है। इस स्कूल में प्रवेश के लिये बाकायदा नियम का पालन करना होता है और इनके बौद्धिक स्तर को मजबूत बनाने के लिए कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर तरह तरह के इवेंट कराये जाते हैं। रवि प्रताप सिंह का कहना है की वे बच्चों को उनके शिक्षा का अधिकार दे रहे हैं और यह आजीवन बिना थके हुये करते रहेंगे।

यहां पर शिक्षा ग्रहण करने के लिए आने वाले छात्र-छात्राएं खुद को अन्य स्कूलों के बच्चों से बेहतर मानते हैं साथ ही प्राथमिक विद्यालय में आधुनिक तकनीति को पाकर काफी खुश रहते है ।वही जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने भी परिषदीय विद्यालय के इस शिक्षक की अनोखी पहल और सार्थक प्रयास को सराहा है साथ ही सरकारी मदद की भी बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राइमरी स्कूल के टीचर का यह प्रयास उत्तर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा की स्थिति और गिरते शैक्षिक स्तर को पटरी पर लाने के लिए उदाहरण बन गया है ऐसे में नौनिहालों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए ऐसे ही सराहनीय प्रयास की जरूरत है ।

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