टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
गोंडा। मनरेगा में सर्वाधिक धन खर्च कर प्रदेश के सभी विकासखंडों में शीर्ष स्थान बनाने वाले कटरा बाजार विकास खंड में 22 लाख रुपये के अधिक की धनराशि के घपले का मामला सामने आया है। जिलाधिकारी जेबी सिंह से मिले निर्देश पर इस मामले में खंड विकास अधिकारी ने अवर अभियंता व सहायक लेखाकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
जिलाधिकारी जेबी सिंह ने बताया कि विकास ख्ंाड कटरा बाजार में क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत जगतापुर, बिरवा, भैंसहा, चयपुरवा, तिलका, गंडाही, लक्ष्मणपुर, पैड़ीबरा एवं उर्दी गोंडा में वित्तीय वर्ष 2015-16 में मनरेगा योजना के तहत कराये गये कार्यों के स्थलीय व अभिलेखीय सत्यापन के लिए उप जिलाधिकारी करनैलगंज अर्चना वर्मा के नेतृत्व में जिला विकास अधिकारी अनिल कुमार व अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग मंजूर आलम की सत्यापन के लिए एक टीम बनाई गई थी। सत्यापन के दौरान टीम ने पाया कि इन ग्राम पंचायतों में स्वीकृत कार्यों को अधोमानक, गुणवत्ताविहीन तथा आगणन के विरुद्ध कार्य कराया गया। सभी कार्यों की माप व एमबी अवर अभियंता धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने की। विकास खंड के सहायक लेखाकार बृजेश कुमार पाठक ने अवर अभियंता का आगणन गलत रहने की जानकारी होने के बावजूद भुगतान कर दिया। मुख्य विकास अधिकारी दिव्या मित्तल के निर्देशन में कराये गये सत्यापन कार्यवाही की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए विभागीय कार्यवाही किये जाने का निर्देश दिया। इस मामले में कटरा बाजार के खंड विकास अधिकारी रणविजय कुमार ने स्थानीय थाने में दोषी अवर अभियंता धीरेन्द्र बहादुर सिंह व सहायक लेखाकार बृजेश कुमार पाठक के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा-409 व 120बी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। इसके साथ ही ग्राम पंचायत भैंसहा, तिलका और पूरे बहोरी में कराये गये कार्यों का सूचना बोर्ड भी मौके पर लगाये बिना ही धनराशि आहरित कर ली गयी, जिस धनराशि की वसूली सम्बन्धित ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी व अवर अभियंता से बराबर-बराबर करते हुए विभागीय कार्यवाही की जा रही है। गबन की गई धनराशि की सम्बंधित खंड विकास अधिकारियों/परियोजना अधिकारियों आदि से वसूली के लिए विभागीय कार्यवाही के आदेश दे दिए गए हैं। जिलाधिकारी के इस निर्णय से भ्रष्टाचार से लिप्त अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया है। उन्होने कहा कि टीम बनाकर विकास कार्यों का सत्यापन आगे भी जारी रहेगा। साथ ही दोषी पाये जाने पर अधिकारी व कर्मचारी बख्शे नहीं जायेंगे।
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