अमेठी. जैसी की उम्मीद थी अमेठी राजघराने की दोनों रानियाँ आखिरकार चुनावी मैदान में आमने सामने आ ही गई. अमेठी राजघराने के राजा संजय सिंह की दोनों रानियाँ गरिमा सिंह और अमिता सिंह अब चुनावी मैदान में आमने सामने हैं.
भाजपा के उम्मीदवार के रूप में गरिमा सिंह पहले ही मैदान में थी और गुरवार को दूसरी रानी अमिता सिंह ने भी कांग्रेस के सिम्बल पर अपना पर्चा दाखिला कर ही दिया. अमिता सिंह के साथ राजकुमारी आकांक्षा सिंह और डा. संजय सिंह मौजूद रहे. डा. संजय सिंह की पहली रानी गरिमा सिंह के अभियान की कमान राजकुमार अनंत विक्रम सिंह के हाँथ में है.
खास बात यह है कि यहां दोनों ही उम्मीदवारों ने नामांकन के पर्चे में पति का नाम संजय सिंह ही लिखा है. संजय सिंह कहते हैं - 'मेरी सिर्फ एक ही रानी है और वह हैं अमिता सिंह.'
यूपी में विधानसभा चुनावों के लिए सपा और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन समझौते में अमेठी की सीट को ले कर पेंच फंसा हुआ है. राहुल गाँधी के संसदीय क्षेत्र की इस विधान सभा सीट पर कांग्रेस अपना हक नहीं छोड़ना चाहती तो वहीं सपा विधायक और अखिलेश सरकार मंत्री गायत्री प्रजापति पहले ही अपना नामांकन दाखिल कर चुके थे.
संजय सिंह ने कहा, 'अमेठी और रायबरेली की सीट पर शुरू से हमारी दावेदारी थी. हम यहां एक भ्रष्ट मंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे.'
संजय सिंह के इस बयांन के राजनितिक मतलब भी निकले जा रहे हैं. गायत्री प्रजापति अवैध खनन के मामले में बदनाम रहे और इस विवाद के छींटे अखिलेश यादव तक भी डालने की कोशिश हुयी . भाजपा भी गायत्री के बहाने अखिलेश यादव पर हमलावर हुई है. हालाकि अखिलेश भी गायत्री को नापसंद करते हैं और अपने मंत्रिमंडल से एक बार उन्हें बर्खास्त भी किया था, मगर मुलायम सिंह यादव के दबाव में गायत्री प्रजापति अभयदान पा गए और साथ में उम्मीदवारी भी. लेकिन अब इस बात की पूरी संभावना है कि एक ही झटके में गायत्री को अखिलेश किनारे लगा सकते हैं.
यूपी के कुल 403 विधानसभा सीटों पर कुल सात चरणों में चुनाव होने हैं, जिसका पहला चरण शनिवार 11 फरवरी को शुरू होगा, जबकि अमेठी में पांचवें चरण में 27 फरवरी को वोटिंग होनी है.

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