Tuesday, October 18, 2016

लखनऊ : हो सकता है मुलायम आज अखिलेश को पार्टी से ही निकाल दें

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विवेक सिन्हा / कृष्ण मोहन सिंह
ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. समाजवादी पार्टी में आज की रात बहुत अहम रात है. कालीदास मार्ग से लेकर विक्रमादित्य मार्ग तक हलचल बहुत तेज़ है. यह हलचल समाजवादी पार्टी में फिर से एक बड़ा तूफ़ान ला सकती है. सूत्र तो यहाँ तक कहते हैं कि हो सकता है कि मुलायम सिंह यादव अखिलेश को पार्टी से ही निकाल दें. कारण कई हैं इस हलचल के मगर अखिलेशवादी यह समझते हुए भी कि अखिलेश पार्टी से निकाले जा सकते हैं जोश से भरे हुए हैं और अन्याय को अब नहीं सहने का एलान कर चुके हैं.
समाजवादी पार्टी में एक तरफ अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ 20 अक्टूबर को होने वाली सपा कार्यकारिणी की बैठक में अखिलेश को विशेष आमंत्रित सदस्य भी नहीं बनाया गया है. इसके साथ ही 22 अक्टूबर को सभी ज़िला अध्यक्षों की बैठक भी बुलाई गई है. सूत्र बताते हैं कि कार्यकारिणी की बैठक में मुलायम 2017 के चुनाव को लेकर अहम घोषणाएं करने वाले हैं. उधर 2 घंटा पहले दिल्ली में समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव प्रो. राम गोपाल यादव चुनाव आयोग के दफ्तर गए थे.
अचानक हुई इन जानकारियों ने समाजवादी पार्टी में ऐसे उफान का इंतजाम कर दिया है कि विक्रमादित्य मार्ग से लेकर कालीदास मार्ग के बीच हलचल बहुत तेज़ हो गई है. समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश यादव के सभी करीबियों को पार्टी से अनुशासनहीन होने का इल्जाम लगाकर बाहर का रास्ता दिखा दिया था. पार्टी के युवा नेताओं का कहना है कि किसी पर कोई आरोप होता है तो पहले कारण बताओ नोटिस तो दिया ही जाता है. इस तरह से थोड़े ही नादिरशाही फरमान सुना दिया जाता है.
समाजवादी पार्टी से निर्दोषों के निष्कासन का विरोध करते हुए समाजवादी पार्टी के युवा नेताओं ने आज अखिलेश के करीबियों के नए ठिकाने पर मीटिंग कर एक बड़ा फैसला ले लिया कि वह समाजवादी पार्टी के 5 नवम्बर को होने वाले रजत जयन्ती समारोह में शिरकत नहीं करेंगे. इस फैसले के बाद कालीदास मार्ग से लेकर विक्रमादित्य मार्ग के बीच हलचल बहुत तेज़ हो गई है. पार्टी के युवा नेताओं द्वारा पार्टी नेतृत्व को इस तरह से खुली चुनौती देने का अर्थ बहुत गंभीर भी हो सकता है. सूत्रों का कहना है कि युवा नेताओं के इस फैसले को देखते हुए सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव आज की रात कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. बहुत संभव है कि वह अखिलेश को ही पार्टी से बाहर निकाल दें.
कालीदास मार्ग और विक्रमादित्य मार्ग को जोड़ने वाली सड़क पर अखिलेश यादव के करीबियों का ठिकाना है. इस ठिकाने पर हलचल सबसे ज्यादा तेज़ है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आज यहाँ बैठक कर इस बात पर रोष व्यक्त किया कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार में अन्याय के खिलाफ आन्दोलन करने वाले एमएलसी सुनील सिंह यादव, आनन्द भदौरिया, अरविन्द प्रताप यादव, संजय लाठर, समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव, यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद एबाद, यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे, समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह को उनके संघर्षमय जीवन पर काला दाग लगाते हुए उन्हें अनुशासनहीन बताते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. बैठक में तय हुआ कि इस नादिरशाही फरमान के विरोध में समाजवादी पार्टी के युवा पदाधिकारी 5 नवम्बर को जनेश्वर मिश्र पार्क में प्रस्तावित पार्टी के रजत जयन्ती समारोह में शामिल नहीं होंगे. समाजवादी पार्टी के सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कर्नल सत्यवीर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में मौजूद नेताओं ने साफ़ कर दिया है कि उनकी निष्ठा और आस्था अखिलेश यादव के नेतृत्व में है.
आज हुई बैठक में संतोष यादव ‘सनी’ (एमएलसी), अरुण वर्मा (विधायक), जयसिंह जयन्त, राहुल सिंह (पूर्व प्रदेश महासचिव युवजन सभा), अवधेश वर्मा (पूर्व राष्ट्रीय सचिव युवजन सभा), कर्नल सत्यवीर सिंह यादव, जुगुल किशोर बाल्मीकि, अरुण यादव (पूर्व प्रदेश महासचिव यूथ ब्रिगेड), रामसागर यादव, विजय यादव, प्रदीप तिवारी, ओम नारायण यादव, प्रदीप शर्मा (पूर्व प्रदेश सचिव युवजन सभा), मनीष दुबे (प्रदेश सचिव छात्रसभा), करुणेश द्विवेदी (प्रदेश महासचिव छात्रसभा), अरविन्द गिरि (प्रदेश उपाध्यक्ष युवजन सभा), राबिन सिंह यादव (पूर्व जिलाध्यक्ष युवजन सभा), दानिश सिद्दीकी (पूर्व प्रदेश सचिव यूथ ब्रिगेड), वैभव सैनी (प्रदेश सचिव छात्र सभा), शिवकुमार यादव (पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष लोहिया वाहिनी), मनोज यादव (प्रदेश मीडिया प्रभारी छात्रसभा), जीतू वर्मा, सर्वेश यादव (प्रदेश उपाध्यक्ष छात्रसभा), भूपेन्द्र सिंह यादव (पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष इलाहाबाद विश्वविद्यालय), योगेश यादव (गाजीपुर), अभिषेक यादव, वैभव सैनी (प्रदेश सचिव छात्रसभा), उदयवीर सिंह (एमएलसी), डॉ. फिदा हुसैन अंसारी (प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक सभा), त्रिशुलधारी सिंह (छात्रसभा), कार्तिक तिवारी ‘शैलू’ (प्रदेश उपाध्यक्ष युवजन सभा), नागेन्द्र सिंह यादव शामिल हुए और सभी ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में आस्था व्यक्त करते हुए हर हाल में उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया.

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