
ब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ: चुनावी साल में अयोध्या फिर सुर्खियों में है। राम के नाम पर चुनावी नैया पार लगाने की कोशिशें एक बार फिर तेज हो गई है। केंद्र की मोदी सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री महेश शर्मा रामायण संग्रहालय स्थापना के लिए प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करने के लिए मंगलवार को अयोध्या का दौरा करेंगे। जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने संग्रहालय के लिए 25 एकड़ प्लॉट की पहचान की है। यह विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर से करीब 15 किलोमीटर दूर है।
लखनऊ: चुनावी साल में अयोध्या फिर सुर्खियों में है। राम के नाम पर चुनावी नैया पार लगाने की कोशिशें एक बार फिर तेज हो गई है। केंद्र की मोदी सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री महेश शर्मा रामायण संग्रहालय स्थापना के लिए प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण करने के लिए मंगलवार को अयोध्या का दौरा करेंगे। जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार ने संग्रहालय के लिए 25 एकड़ प्लॉट की पहचान की है। यह विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर से करीब 15 किलोमीटर दूर है।
वहीं, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री महेश शर्मा के इस कदम को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले हिंदुत्व समर्थकों को लुभाने की एक कोशिश के तौर पर देखा जाने लगा है। बता दें कि यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है।
हालांकि, महेश शर्मा ने कहा कि यह परियोजना मोदी सरकार की पर्यटन विकास योजना का हिस्सा है और इसे राजनीतिक रूप से अहम राज्य उत्तर प्रदेश के चुनाव से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या की मेरी यात्रा का उत्तर प्रदेश के चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। मैं वहां की यात्रा एक पर्यटन मंत्री के तौर पर कर रहा हूं। इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए बल्कि यह अयोध्या और पूरे देश में पर्यटन को सुधारने के सरकार के प्रयास का हिस्सा है।
महेश शर्मा ने कहा कि संग्रहालय रामायण सर्किट का हिस्सा होगा। इसके लिए केंद्र ने 225 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। इसमें से 151 करोड़ रुपये केवल अयोध्या के लिए हैं जो सर्किट का केंद्र है।
उन्होंने कहा कि राम करोड़ों लोगों के हृदय में हैं। एक पर्यटन मंत्री के तौर पर मुझे देखना होगा कि अयोध्या का कैसे विकास हो सकता है। रामायण सर्किट का विकास किस तरह से पर्यटक के दृष्टिकोण से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तीन सर्किटों की पहचान की है। इनमें रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट और बौद्ध सर्किट शामिल हैं।
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