ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती को विधानसभा चुनाव से पहले लगातार झटके लग रहे हैं। सरकार के पूर्व मंत्री और मोहनलालगंज से विधायक रहे आर.के. चौधरी ने बसपा छोड़ दी है। उन्होंने कहा कि बसपा रियल एस्टेट कंपनी बन गई है। चौधरी ने गुरुवार को लखनऊ में पत्रकारों से कहा कि बसपा में मिशनरी कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं दिए जा रहे हैं। ठेकेदारों और धनपशुओं को टिकट बांटे जा रहे हैं। इस वजह से पार्टी में बिखराव बढ़ा है।

चौधरी ने कहा, “मायावती चाटुकारों की सलाह से सारा फैसला करती हैं। पार्टी में आम कार्यकर्ताओं की कहीं कोई सुनवाई नहीं है। इस बार तो जिला पंचायत चुनावों के दौरान भी पैसा लिया गया।” आगे की रणनीति के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि वह 11 जुलाई को आगे का फैसला लेंगे। आर.के. चौधरी का पासी समुदाय में बड़ा जनाधार है। वह मोहनलालगंज से विधायक रह चुके हैं।
बीएसपी चीफ मायवती को एक और झटका गुरुवार को लगा जब पार्टी के महासचिव आरके चौधरी ने बीएसपी से इस्तीफा दे दिया। आरके चौधरी की गिनती बीएसपी में दिग्गज और राष्ट्रीय नेताओं में की जाती है।इतना है जरुर यूपी में 2017 में होनें वाले चुनाव से पहले बीएसपी के लिए एक बड़ा झटका माना जा सकता है। वहीं आरके चौधरी 2007-12 तक बीएसपी सरकार में मंत्री भी रहें। चौधरी की पहचान पार्टी में दलित नेता के रुप में रही है।
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चौधरी ने सीधे तौर पर मायावती पर धन उगाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वो पार्टी में टिकट बटवारें को लेकर जमकर रुपए की लूट खसौट करती है। वहीं बीएसपी अब रीयल स्टेट कंपनी बनकर रह गयी है। बागी नेता आरके चौधरी ने कहा कि बीएसपी अब वो पार्टी नही रही जो पहले काशी राम के जमानें पर चलती थी।
बता दें, कि 22 जून को प्रेस कांफ्रेंस में इस्तीफे की घोषणा करते हुए बीएसपी विधान मंडल दल के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर संगीन आरोप लगते हुए कहा कि उन्होंने अम्बेडकर के सपनों को बेचा है। मौर्या ने मायावती पर पार्टी में टिकट बेचने का भी आरोप लगाया था।
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