
टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने 62वें जन्मदिन पर पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ऊना कांड ही मोदी को बेघर कर देता अगर दलितों के वोट कम न होते. उन्होंने कहा कि गुजरात में भी दलितों के वोट अधिक होने पर चुनाव नतीजा उलट होने की बात कही. मायावती ने कहा कि हर-हर मोदी और घर-घर वाले मोदी इस बार अपने ही राज्य में बेघर होने बचे.
मायावती ने जन्मदिन के मौके पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस और बीजेपी ने हर तबके को नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि देश के हर राज्य में सांप्रदायिक व जातिवादी माहौल तैयार किया जा रहा है. इतना ही नहीं बीजेपी देश का संविधान और कानून बदलना चाह रही है.
यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने कहा कि उनके जन्मदिन को बीएसपी के लोग जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाते रहे हैं. उनकी सरकार की ओर से दलित विचारधारा के संतों, गुरूओं की सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए यह दिवस मनाती रही है. उन्होंने कहा कि यह ऐसी समाज सेवा है जो बीएसपी की ओर से सत्ता में न रहने के बावजूद जारी रहती है.
मायावती ने कहा कि यह एक ऐसी पार्टी है जो दलितों, पिछड़ों, मुस्लिम और धार्मिक अल्पसंख्यकों के मसीहा बाबा साहेब अंबेडकर के दिखाए गए रास्ते पर आगे बढ़ती रही है. मायावती ने कहा कि पूंजीवादी विचारों वाली पार्टियां अंबेडकरवादी पार्टी बीएसपी को तरक्की करते देखना पसंद नहीं करती हैं.

मायावती ने कहा कि पहले कांग्रेस एंड कंपनी ने और अब बीजेपी एंड कंपनी इसे खत्म करने की कोशिशें करती आ रही हैं. मायावती ने अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित न करने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने मंडल आयोग की सिफारिशें भी नहीं लागू नहीं की. बीजेपी ने भी मंडल कमीशन का विरोध किया था.
मायावती ने कहा कि समाज के दबे कुचले लोगों को बराबरी का अधिकार नही मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि इन वर्गों को अपने पैरों पर न तो बीजेपी खड़ा कर पायेगी और ना ही कांग्रेस. मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी दलित और ओबीसी के लिए संघर्ष करती रही और आगे भी करती रहेगी.
मायावती ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस उनकी पार्टी को डैमेज कर रही हैं. उन्होंने ईवीएम का शिगूफा छेड़ते हुए कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में ईवीएम पर बड़ा घोटाला करके उनकी पार्टी को सियासी नुकसान पहुंचाया गया है.
मायावती ने कहा कि सहारनपुर की घटना में भी हमारी पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई, लेकिन हमारी पार्टी की सूझबूझ से वे ऐसा नहीं कर पाए. उन्होंने राज्यसभा में बोलने का मौका न दिए जाने को अपनी राज्यसभा से इस्तीफा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने भी वर्ष 1951 में ऐसी ही परिस्थितियों की वजह से कानून मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
मायावती ने कहा कि लोगों को अब धीरे-धीरे समझ में आ रहा है और यही वजह है कि स्थानीय निकाय चुनाव में उनकी पार्टी को कामयाबी मिली. बीएसपी के महासचिव मुनकाद अली ने मायावती के जन्मदिन को जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाए जाने की बात कही. जन्मदिन के मौके पर ब्ल्यू बुक मेरे संघर्षमय जीवन एवं बसपा मूवमेंट का सफरनामा के 13वें एडिशन का विमोचन भी बसपा सुप्रीमो मायावती करेंगी.
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