ब्रेक न्यूज वेब टीम
शराबबंदी के लिए स्कूली छात्राओं ने ऐसा कदम उठाया कि प्रशासन भी पशोपेश में पड़ गया. स्कूल के रास्ते में शराब की दुकानें होने के चलते इन छात्राओं का ना-जान दूभर था, कई बार गुहार लगाने के बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो छात्राओं ने मजबूरन ऐसा कदम उठाया कि सब हैरान हो गए.
राजस्थान के बूंदी जिले के तीतरवासा गांव में चल रहे शराब ठेके को बंद कराने के लिए छात्राएं जिले के मुखिया कलेक्टर के दफ्तर के सामने मुर्गा बन गईं, उन्होंने कलेक्टर को अपनी पीड़ा सुनाते हुए अल्टीमेटम दे दिया कि अगर शाराब का ठेका नहीं हटाया गया तो वे पढ़ाई छोड़ घर पर बैठ जाएंगीं.
छात्राओं के साथ उनके गार्जियन प्रदर्शन करते रहे और इस बीच छात्राएं मुर्गा बनी रहीं. प्रदर्शनकारी गार्जियन और छात्राओं का कहना था कि शराब ठेके की वजह से लड़कियों का स्कूल-कॉलेज जाना दूभर हो चुका है, इसलिए वे कलेक्टर के दफ्तर के सामने प्रदर्शन करने पहुंचे हैं. छात्राओं का कहना है कि जब वे अपने स्कूल और दूसरे शहर में कॉलेज के लिए घर से निकलती हैं दिनभर शाराब के ठेके पर मौजूद शराबियों का जमघट उन्हें देखकरसीटियां बजता है, फब्तियां कसता है और छेड़छाड़ करता है. कई बार इन शाराबियों ने मुंह पर कपड़ा बांधकर मोटर साइकिल से इन छात्राओं का पीछा तक किया है पूरे मामले पर जिला आबकारी अधिकारी महावीर प्रसाद शर्मा ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है और वे इंस्पेक्टर मनीषा को तीतरवासा भेजकर जांच कराएँगे. हालांकि उन्होंने नियमो का हवाला देते हुए कहा कि स्कूल, कॉलेज, बड़े मंदिर, मस्जिद से 200 मीटर के दायरे में यदि शराब ठेका चल रहा है तो उसे हटवा दिया जाएगा. उनके मुताबिक अगर शराब का ठेका इस दायरे से बाहर है तो उसे हटवाना मुश्किल होगा. उनके मुताबिक़ अगर ठेके की लोकेशन बदल भी दी जाए फिर बीच में कोई और रास्ता आ जाएगा.
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