Monday, April 16, 2018

कठुआ गैंगरेप मामले की सुनवाई आज से शुरू,पीड़ित परिवार जाएगा SC


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
श्रीनगर: कठुआ रेप केस मामले में आज से स्थानीय अदालत में सुनवाई शुरू होगी. लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम को जिस तरह से वकीलों के एक समूह ने जिला अदालत में आरोपपत्र दाखिल करने से रोकने की कोशिश की थी, इसे देखते हुए मारी गई बच्ची के परिवार ने फ़ैसला किया है कि वो सुप्रीम कोर्ट से केस की सुनवाई किसी और राज्य में करने की मांग करेगा.  पीड़ित पक्ष की वकील  दीपिका सिंह ने कहा, “हमें नहीं लगता कि कठुआ में ट्रायल के लिए ठीक माहौल है. इसीलिए हम केस को जम्मू-कश्मीर से बाहर ले जाने की मांग करने जा रहे हैं.
 उधर बलात्कार और हत्या के आरोपियों के समर्थन में रैलियां निकालने वाले जम्मू बार एसोसिएशन का कहना है कि वो क्राइम ब्रांच की जांच से संतुष्ट नहीं है.  ये वकील पिछले 12 दिन से हड़ताल पर हैं और इनकी मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच कराई जाए. बार एसोसिएशन के प्रभारी गगन बसोत्रा ने कहा है, ‘ हम क्राइम ब्रांच की जांच से बिलकुल भी संतुष्ट नहीं हैं, 221 गवाह हैं, चालान में. अभी और जांच करनी बाक़ी है, जांच में कई ख़ामियां हैं.’
पीड़िता की वकील : मेरा हो सकता है रेप-मर्डर
कठुआ गैंगरेप पीड़िता के पक्ष से केस लड़ रहीं वकील दीपिका सिंह राजवंत ने अपनी जान का खतरा होने की बात कही। दीपिका ने कहा कि मेरा भी रेप हो सकता है या हत्या करवाई जा सकती है।दीपिका सिंह राजवंत ने कहा, ‘आज मैं खुद नहीं जानती और मैं होश में नहीं हूं। मेरा रेप हो सकता है, मेरी हत्या हो सकती है और शायद मुझे कोर्ट में प्रैक्टिस न करने दी जाए। उन्होंने मुझे एकदम अलग कर दिया है और मैं नहीं जानती कि अब मैं यहां कैसे रहूंगी।’ उन्होंने बताया कि उन्हें हिंदू विरोधी कहते हुए सभी ने उनका बहिष्कार कर दिया है। इसके अलावा दीपिका ने कहा कि अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए वह सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा की मांग करेंगी। उन्होंने कहा, ‘मैं इस बारे में सुप्रीम कोर्ट को बताऊंगी। मैं बहुत बुरा फील कर रही हूं और यह निश्चित रूप से दुर्भाग्यपूर्ण है।’ उन्होंने कहा, ‘आप मेरी दुर्दशा की कल्पना कर सकते हैं लेकिन मैं न्याय के साथ खड़ी हूं और हम सब आठ साल की बच्ची के लिए न्याय चाहते हैं।’
इससे पहले बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने जम्मू-कश्मीर में पुलिस को चार्जशीट फाइल करने से रोकने वाले वकीलों की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया है। इस मामले में गैंगरेप करने वाले आरोपियों के अलावा वकीलों पर भी एक एफआईआर दर्ज हुई थी। आरोप है कि उन्होंने मामले में आरोपियों का बचाव करने के लिए प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की।
गौरतलब है कि ये मामला अब एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन चुका है जिसमें राज्य सरकार के दो मंत्रियों को अपने इस्तीफा देना पड़ गया. दोनों मंत्रियों में से एक लाल सिंह ने कहा है कि उनको पार्टी ने ही कठुआ भेजने का फैसला किया था. लाल सिंह अब मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के इस्तीफ़े की मांग की है.

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