Sunday, February 18, 2018

STF ने सात जालसाजों को दबोचा, फर्जी एजुकेशन बोर्ड बनाकर छात्रों से कर रहे थे ठगी


टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो 
यूपी एसटीएफ ने आॅनलाइन एजूकेशन के नाम पर फर्जी बोर्ड का गठन कर देश के छात्रों के साथ ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ कर सात जालसाजों को गिरफ्तार किया है। जालसाजों के कब्जे से बड़े पैमाने पर फर्जी प्रमाणपत्र, आठ मोबाइल फोन, 31,340 हजार रुपये नकद और एक कार बरामद की गई है। इस मामले में अभी कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती है। जानकारी के मुताबिक एसटीएफ को आॅनलाइन फर्जी एजूकेशन बोर्ड के जरिए छात्रों को गुमराह करने की जानकारी मिली थी। तहकीकात करने पर पता चला कि इन ठगों द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद के नाम से एक फर्जी बोर्ड बनाया हुआ है। एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह को सौंपी। त्रिवेणी सिंह ने तहकीकात की तो चैंकाने वाली जानकारियां सामने आई। मामले की गहनता से पड़ताल की गई तो पता चला कि लखनऊ के इंदिरागनर थानाक्षेत्र में फरीदीनगर से ये कथित बोर्ड संचालित किया जा रहा है। तह में जाने पर जानकारी हुई कि इस बोर्ड के बिहार, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हरियाण, कर्नाटक व दिल्ली सहित कई राज्यों में अध्ययन केन्द्र भी खोले गए हैं। इन केन्द्रों से छात्रों को फर्जी अंकपत्र और प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे हैं। त्रिवेणी सिंह ने बताया कि यूपी में 62 शिक्षण संस्थान इस बोर्ड से मान्यता प्राप्त कर छात्रों को प्रमाणपत्र जारी कर रहे हैं। इसके साथ ही बोर्ड द्वारा आॅनलाइन फार्म भरवाकर भी प्रमाणपत्र जारी किए जाने की जानकारी हुई। मामले की तह में जाने पर पता चला कि इस फर्जी बोर्ड के प्रबंधक राजमन गौड़ ने वेबसाइट मेनटेनेंस के लिए एक आइटी एक्सपर्ट भी नियुक्त कर रखा है, जो डेटाबेस प्रबंधन के साथ ही डेटाबेस में छात्रों के अंकपत्रों में मनमुताबिक नंबर अंकित करता है। जालसाजों ने छात्रों को गुमराह करने के लिए वेबसाइट पर पंजीकरण संख्या और प्रतिष्ठित व्यक्तियों की तस्वीरें, स्वच्छ भारत अभियान का लोगो और आईएसओ 9001 का फर्जी प्रमाणपत्र भी प्रदर्शित कर रखा है। इस सन्दर्भ में सूबे के शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से तहकीकात की गई तो पता चला कि उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद को कोई मान्यता नहीं दी गई है। इस दौरान फर्जी बोर्ड का संचालक राजमन गौड़ कार्यालय बंद कर फरार होने की फिराक में था, लेकिन रविवार को राजमन गौड़ समेत सात जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया गया। त्रिवेणी सिंह ने बताया कि अब तक 5000 से ज्यादा छात्रों का विस्तृत ब्योरा जुआया जा चुका है। इनमें से कई छात्र दूसरे राज्यों में इस फर्जी बोर्ड से मिलेे अंकपत्र लगाकर सरकारी नौकरी तक हासिल कर चुके हैं। इस बोर्ड का एक पूर्व छात्र जौनपुर के अनवर ने पिछले दिनों पासपोर्ट के लिए प्रत्यावेदन किया, तो पासपोर्ट कार्यालय से उसे पता चला कि उसका बोर्ड फर्जी है और अंकपत्र भी फर्जी है। एसटीएफ की गिरफ्त में आए जालसाजों में सरगना राजमन गौड़ आजमगढ़ का मूल निवासी है और वर्तमान में राजधानी के फरीदी नगर में रह रहा था। इसके अलावा कनिकराम और सुनील शर्मा जनपद बस्ती के रहने वाले हैं। नीरज शाही गोरखपुर, जितेंद्र गौड़ तथा राधेश्याम प्रजापति आजमगढ़ के और नीरज प्रताप सिंह लखनऊ का रहने वाला है।

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