टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो से संरक्षक के भूमिका में आए मुलायम सिंह यादव बेटे अखिलेश के मुकाबले कोई नई पार्टी तो नहीं बनायेंगे, लेकिन पार्टी की कमान छिन जाने का दर्द साल रहा है। सोमवार को लोहिया ट्रस्ट में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने यह साफ कर दिया कि फिलहाल वे नई सियासी पार्टी का गठन नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन वे अखिलेश पर तंज कसना नहीं भूले कि अखिलेश अपनी बात के पक्के नहीं हैं और जो बाप का नहीं हो सकता वो किसी का नहीं हो सकता। राजनीति के माहिर खिलाडी मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को अपनी बहुप्रतीक्षित प्रेस कांफ्रेंस में यह स्पष्ट कर दिया कि फिलवक्त वह नई सियासी पार्टी नहीं बना रहे हैं। इस दौरान पिता होने के नाते अखिलेश को आशीर्वाद भी दिया और उनपर तंज भी कसे। उन्होंने कहा कि वह अखिलेश के निर्णय से सहमत नहीं हैं। मुलायम कहा कि कहिलेश मेरे आशीर्वाद के बाद भी सफल नहीं हो पाएंगे क्योंकि वे जबान के पक्के नहीं है। इस अवसर पर मुलायम याद दिलाना नहीं भूले कि अखिलेश ने तीन महीने में पार्टी अध्यक्ष का पद उन्हें वापस सौंपने की बात कही थी। मुलायम ने यह भी कहा कि अभी भी सुलह की गुंजाइश बाकी है। प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने ऐसी कोई नई बात नहीं की, जिसकी मीडिया को उम्मीद थी। कांफ्रेंस में शिवपाल यादव और सुनील सिंह मौजूद नहीं थे। उल्लेखनीय है कि शिवपाल ने जून महीने में ही घोषणा कर दी थी कि वह सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए के लिये समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाएंगे। हाल ही में संपन्न हुए समाजवादी पार्टी के राज्य स्तरीय सम्मेलन में मुलायम सिंह और उनके भाई शिवपाल यादव की गैरमौजूदगी के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि मुलायम सिंह जल्द ही नया राजनीतिक प्लेटफार्म बनाएंगे। रााम गोपाल यादव को लोहिया ट्रस्ट के सचिव पद से हटाकर शिवपाल को सचिव बनाने के बाद इस कयास को बल मिला था।
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