ब्रेक न्यूज ब्यूरो
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने बिल्डर्स पर शिकंजा कसना शुरू क्या किया, हाइप्रोफाइल जालसाज इसे अवसर के रुप में भुनाने में ही जुट गए। सरकार के इस कदम को धन उगाही का जरिया बनाने की कोशिश की गई। यूपी एटीएस ने ऐसे ही एक गिरोह का भंडाफोड किया है, जो खुद को सीएम का सहायक बताकर बिल्डर्स को धमकी देता था। हत्थे चढे तीन आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। एसटीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक कानपुर के श्रमायुक्त आरके मिश्रा को एक अज्ञात व्यक्ति ने काल किया। फोन करने वाले ने खुद को यूपी के मुख्यमंत्री का सहायक बताया। साथ ही एक कंपनी पर छापा मारने को कहा। इस पर श्रमायुक्त को संदेह हुआ और उन्होंने वाकये से कानपुर के जिलाधिकारी को अवगत कराया।सीएम के नाम का दुरुपयोग होने का संदेह और जिलाधिकारी की रुचि के कारण मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई। इसके बाद एसटीएफ ने लखनऊ के अलीगंज कपूरथला इलाके से आतिश कुमार मिश्रा, हनुमान शुक्ला और राहुल उपाध्याय को गिरफ्तार किया। पकड़े गए तीनों लोगों ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उन्होंने जाली पहचान पत्र के आधार पर एक सिमकार्ड खरीदा था। 'ट्रूकॉलर' के जरिए उक्त मोबाइल नंबर को 'चीफ मिनिस्टर यूपी' के नाम से पंजीकृत किया गया। इसी नंबर से वह बिल्डरों को फोन करके खुद को मुख्यमंत्री का निजी सहायक बताते और उन्हें धमकी देते थे।
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