ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ.अखिलेश सरकार समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के काम को तेजी से आगे बढ़ाने जा रही है। इसके लिए जमीन को चार गुना कीमत पर खरीदी जाएगी। जमीन खरीदने का काम 15 मई से शुरू हो जाएगा। जमीन किसानों से आपसी सहमति से खरीदी जाएगी। जमीन अधिग्रहण का काम सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इस योजना का शिलान्यास सितंबर में ही कराने की योजना है। यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ, बाराबंकी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर होते हुए बलिया पहुंचेगा।
इसके बाद ईपीसी(इंजीनियरिंग प्रीक्योरमेंट एंड कांस्ट्रक्शन) पर इसके निर्माण की तैयारी शुरू है। अखिलेश सरकार चाहती है कि जब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पूरी तरह बनकर तैयार हो जाए तो उसी के साथ ही लकनऊ से बलिया तक बनने वाला 348 किलोमीटर के एक्सप्रेस का निर्माण शुरू हो जाए।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है। अब नए एक्सप्रेस वे के लिए जमीन खरीदने में उसी नीति का पालन होगा जो लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण में लागू की गई थी। एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन बिना किसी विवाद, झगड़े के ली गई और किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया गया। इसलिए सबने अपनी सहमति से जमीन दे दी। इस नीति की सराहना पूरे देश में हुई।
लखनऊ-बलिया एक्सप्रेस वे के लिए जमीन खरीदने के लिए करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए की जरुरत पड़ेगी। प्रदेश सरकार ने अपने हाल के बजट में एक्सप्रेस-वे के लिए 1500 करोड़ रुपए रखे हैं। हाल ही में मुख्य सचिव आलोक रंजन ने यूपीडा के अधिकारियों और संबंधित डीएम से कहा है कि राजस्व विभाग की पिछले साल की जारी नीति के मुताबिक जमीन अधिग्रहण काम कराया जाए। एक्सप्रेस वे की शुरुआत लखनऊ के भरौली से होनी है। सूत्रों के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे के लिए डवलपरों को चुनने का काम सितंबर तक हो जाएगा।
लखनऊ.अखिलेश सरकार समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के काम को तेजी से आगे बढ़ाने जा रही है। इसके लिए जमीन को चार गुना कीमत पर खरीदी जाएगी। जमीन खरीदने का काम 15 मई से शुरू हो जाएगा। जमीन किसानों से आपसी सहमति से खरीदी जाएगी। जमीन अधिग्रहण का काम सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इस योजना का शिलान्यास सितंबर में ही कराने की योजना है। यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ, बाराबंकी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर होते हुए बलिया पहुंचेगा।
इसके बाद ईपीसी(इंजीनियरिंग प्रीक्योरमेंट एंड कांस्ट्रक्शन) पर इसके निर्माण की तैयारी शुरू है। अखिलेश सरकार चाहती है कि जब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पूरी तरह बनकर तैयार हो जाए तो उसी के साथ ही लकनऊ से बलिया तक बनने वाला 348 किलोमीटर के एक्सप्रेस का निर्माण शुरू हो जाए।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है। अब नए एक्सप्रेस वे के लिए जमीन खरीदने में उसी नीति का पालन होगा जो लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण में लागू की गई थी। एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन बिना किसी विवाद, झगड़े के ली गई और किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया गया। इसलिए सबने अपनी सहमति से जमीन दे दी। इस नीति की सराहना पूरे देश में हुई।
लखनऊ-बलिया एक्सप्रेस वे के लिए जमीन खरीदने के लिए करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए की जरुरत पड़ेगी। प्रदेश सरकार ने अपने हाल के बजट में एक्सप्रेस-वे के लिए 1500 करोड़ रुपए रखे हैं। हाल ही में मुख्य सचिव आलोक रंजन ने यूपीडा के अधिकारियों और संबंधित डीएम से कहा है कि राजस्व विभाग की पिछले साल की जारी नीति के मुताबिक जमीन अधिग्रहण काम कराया जाए। एक्सप्रेस वे की शुरुआत लखनऊ के भरौली से होनी है। सूत्रों के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे के लिए डवलपरों को चुनने का काम सितंबर तक हो जाएगा।
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