Saturday, March 9, 2019

आबादी को भी खनन करने में लगे है खनन माफिया,लेखपालों की मेहरबानी से हो रहा है खनन



 टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
 बाराबंकी : सरकारी काम की आड में मोटी रकम पर ठेका मिलने के बाद भी रकम बचाने के लिए निर्माण एजेंसी कोई गुरेज नही करती है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में लगी कंपनी व कुछ खनन माफियाओं द्वारा एनजीटी के नियमों को ताख पर रख कर खनन किया जा रहा है।जिसमें गहराई के मानक का कोई महत्व नहीं है जो मर्जी चाहे 15 फिट खोदे या 20 फिट। निर्माणाधीन रोड़ से सटे गाँवों व घनी आबादी तालाबों में तब्दील हो गया है।वहीं खनन माफियाओं द्वारा बंजर,परती, आबादी, वन विभाग, पट्टा व नाजूल भूमि पर बिना आदेश व बिना परमिशन के रात दिन बेरोकटोक खनन किया जा रहा है।


जहाँ एक ओर तहसील प्रशासन द्वारा कुछ दिन पूर्व कोलवा ग्राम  जैसे कुछ क्षेत्र में अवैध रूप से खनन करने वालों की मशीनों को सीज किया गया था वहीं दूसरी ओर तहसील के अंतर्गत आने वाली निर्माणाधीन पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के क्षेत्र जौरास,शिवनाम, नरेन्द्र पुर मदरहा, अखैयापुर,रौनी, दाउतपुर,कामालाबाद,गौरा, दतौली,गंगापुर संसारा, बीजापुर, बेहटा,खैरही, रुकुनुद्दीनपुर,भैरमपुर,मंगौवा, कुड़वा सहित तहसील में फैला लगभग पच्चीस किलोमीटर एरिया में हो रहे अवैध खनन पर शिकंजा कसने में आखिर हिचकिचाहट क्यों ? ठेकेदारों व लेखपालों द्वारा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट का डर दिखाकर जबरन खनन करवाया जा रहा है।निर्माणाधीन रोड़ गाँवो में विकास का रास्ता न खोल विनाश का रास्ता खोल रहा है।उदाहरण के तौर पर गोमती नदी से सटे रौनी दाउतपुर गाँव में करीब 15 फिट गहरी खुदाई से गांव तालाबीशक्ल का हो गया है जिससे आने वाली बारिश में बरसात का पानी घरों में जाएगा और इकट्ठा हुए पानी में हादसे भी हो सकते हैं। किस खनन नीति से पूर्व सरकार में खनन मंत्रियों, अधिकारियों व माफियाओं पर कई जाँच कम्पनियां बैठाई और उनको सजा भी दिलाई और अपनी सरकार में ये कैसी खनन नीति है जिसमें खनन माफियाओं को सौगात मिली है।

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