टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ विश्वविद्यालय नैक में ‘ए ग्रेड’ का सपना संजोए बैठा है। मगर हकीकत यह है कि विवि में आज भी शिक्षकों के दो सौ से ज्यादा पद खाली पड़े हैं। इसके बावजूद आठ महीने पहले शुरू हुई शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अभी तक अटकी हुई है। विवि में कई विभाग तो ऐेसे हैं जहां पर एक भी नियमित शिक्षक नहीं हैं। बिना शिक्षक नैक में ए ग्रेड पाना कहीं से भी संभव नहीं है। मानकों के अनुसार किसी भी विभाग को चलाने के लिए कम से कम दो नियमित शिक्षक जरूर होने चाहिए।
बाकी व्यवस्था संविदा या अतिथि शिक्षकों के सहारे चल सकती है। इसलिए विवि किसी भी कॉलेज को मान्यता देने से पहले शिक्षकों की नियुक्ति का अनुमोदन प्रमाणपत्र जांचता है। यह प्रक्रिया केवल वित्तविहीन कॉलेजों के लिए ही है।
विवि ने कई विभागों में अभी तक शिक्षकों की नियमित नियुक्ति नहीं की है। विवि में गृहविज्ञान, भूगोल और ज्योतिर्विज्ञान ऐसे विभाग हैं, जहां पर एक भी नियमित शिक्षक नहीं हैं।
विवि में जारी व्यवस्था के अनुसार जहां पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं है या फिर किसी विशेषज्ञ की जरूरत है तो वहां अतिथि शिक्षकों को बुलाया जा सकता है।
अतिथि शिक्षक साल भर में 80 से ज्यादा कक्षाएं नहीं ले सकते। सेमेस्टर के मामले में यह संख्या 40 ही है। ऐसे में बगैर शिक्षक वाले विभागों में कोर्स पूरा करना भी बड़ी चुनौती होती है।
बाकी व्यवस्था संविदा या अतिथि शिक्षकों के सहारे चल सकती है। इसलिए विवि किसी भी कॉलेज को मान्यता देने से पहले शिक्षकों की नियुक्ति का अनुमोदन प्रमाणपत्र जांचता है। यह प्रक्रिया केवल वित्तविहीन कॉलेजों के लिए ही है।
विवि ने कई विभागों में अभी तक शिक्षकों की नियमित नियुक्ति नहीं की है। विवि में गृहविज्ञान, भूगोल और ज्योतिर्विज्ञान ऐसे विभाग हैं, जहां पर एक भी नियमित शिक्षक नहीं हैं।
विवि में जारी व्यवस्था के अनुसार जहां पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं है या फिर किसी विशेषज्ञ की जरूरत है तो वहां अतिथि शिक्षकों को बुलाया जा सकता है।
अतिथि शिक्षक साल भर में 80 से ज्यादा कक्षाएं नहीं ले सकते। सेमेस्टर के मामले में यह संख्या 40 ही है। ऐसे में बगैर शिक्षक वाले विभागों में कोर्स पूरा करना भी बड़ी चुनौती होती है।

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