टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
गोंडा। जिला प्रशासन की एक नासमझी भरे कदम से जिले भर के करीब पांच लाख गरीबों को एक दिन में 25 करोड़ रुपये की चपत लगी है। मुख्य विकास अधिकारी की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास के लिए पैसा दिलाने के लिए सीधे मेला आयोजित कर उनसे आवेदन जमा कराने का नया प्रयोग करना उल्टा पड़ गया। जिले के दूर दराज से आये ग्रामीणों को आवास के लिए आवेदन जमा कर पाने की हशरत तो धरी ही रह गई उन्हें खाली हाथ लौट कर करीब 500 रुपये से अधिक गवांने पड़े हैं। गरीब तबके के लोगों ने एक दिन की जहां मजदूरी गंवाई है वहीं करीब 200 रुपये किराया आदि में खर्च किया है। ऐसे में करीब पांच लाख लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई का 25 करोड़ गवां दिया है।
जिला प्रशासन खास कर मुख्य विकास अधिकारी की ओर से कई दिन पहले विकास भवन में प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत लोगों को आवास के लिए पैसा दिलाने के लिए विकास भवन में शुक्रवार को आवेदन जमा करने का ऐलान किया गया था। प्रधानमंत्री आवास खासकर गरीब लोगों को ही दिया जाना है। ऐसे लोग जिनका आज पक्का मकान नही है या फिर दो पहिया बाइक आदि नही। जाहिर से बात है कि आज के दौर में पक्का मकान न बनवा पाने वाला तबका मेहनतकश खेतिहर मजदूर है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजाना 250 रुपये से 300 रुपये तक मजदूरी पर काम मिलता है। इस तरह की मजदूरी में पुरूषों के अलावा महिलाएं भी शामिल हैं। सिर छिपाने के लिए छत मिलने की आस में विकास भवन भाग कर आये ग्रामीणों को आज की कमाई से भी हाथ धोना पड़ा। इतना ही नही इस योजना के लिए शहर से सटे पांच किलोमीटर से से लेकर करीब 70 किलोमीटर दूर दराज से लोग किसी न किसी साधन सवारी से किराया खर्च करके आये थे। सुबह ही घर से निकले भूखे प्यासे लोगों ने बाजार में जो उनके पास था खरीद कर खाकर अपनी भूख मिटाने की कोशिश। ग्रामीणों का कहना है कि करीब 500 से 600 रुपये तक उनके खर्च हो गये। उन्हें कोई फायदा मिला नही बल्कि घर से गाढ़ी कमाई गंवा दी। छपिया ब्लाक से राम कुमार, बभनजोत सूे करम अली, मनकापुर से नीबर व खरगूपुर इलाके से आयीं दशरथा देई आदि का कहना था कि कि मिला कुछ नही घर में रखा पैसा भी खर्च हो गया।
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अब बेगारी करने की बढ़ी चिंता
गोंडा। कई गांव के लोगों को गांव के कुछ प्रभावशाली या मजबूत लोगों ने अपने पिकअप व टै्रक्टर ट्राली से लेकर आये थे। ऐसे लोगों के चेहरे पर अब उनकी बेगारी करने की चिंता झलक रही थी। कटरा बाजार व करनैलगंज क्षेत्र से वाहनों पर आये ग्रामीणों में रामानुज, अशर्फी, जुमई, रघुनाथ, रामरती देवी, झिनका ने बताया कि भईया लईकै आये हैं। लेकिन कुछ न कु छ हम्मय सबका उनहूं कय काम काज करैक ा परी। मोटरम तेल खर्च भा है तौ उनकय अहसान तौ हईये है।

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