यूपी के महोबा में बेशर्म पुलिस वालों की कहानी बयां करने वाला सीन देखकर आक्रोश फैल गया। बैंक में घंटों लाइन पर लगने के बाद कैश मिलते ही किसान की मौत के बाद पुलिस ने मृतक किसान के शव को न तो अपनी गाड़ी से न किराए की गाड़ी और न ही एंबुलेंस से थाने भेजा। बल्कि मृतक के दोनों बेटों से बैलगाड़ी खिंचवाई गई। पुलिस की इस संवेदनहीनता से लोगों में आक्रोश दिखाई दिया। ग्राम सरकपुरा निवासी बालादीन 80 की बैंक में लाइन लगने के दौरान हुई मौत से बैंक के अधिकारियों कर्मचारियों के हाथ पांव फूल गए। किसान की मौत के बाद बैंक में लेनदेन ठप हो गया। भीड़ को उग्र होते देख पुलिस ने शव को आनन फानन में बैलगाड़ी में रखकर उनके बेटों से ही बैलगाड़ी खिंचवाई गई। नम आंखों से बैलगाड़ी खींचकर थाने पहुंचे मृतक के दोनों बेटों रामदयाल और मुन्नीलाल ने बताया कि वृद्धावस्था में घंटों लाइन पर लगने और कम कैश मिलने से उन्हें सदमा लगा था।
इलाहाबाद बैंक के प्रबंधक भारत भूषण का कहना है कि कैश कम होने के कारण छह हजार रुपये दिया गया था। आरबीआई की गाइड लाइन अधिक पैसा देने की जरूर है लेकिन बैंक में पैसा न होने के कारण पैसा कम दिया गया। उपजिलाधिकारी कुलपहाड़ विनय पाठक का कहना है कि अभी उन्हें लाइन में लगे किसान की मौत होने की जानकारी नहीं मिली है। फिर भी पता कराया जा रहा है। यदि किसान की लाइन में लगने से मौत हुई है तो उसे मुख्यमंत्री की घोषणा के हिसाब से राहत राशि दी जाएगी।
इलाहाबाद बैंक के प्रबंधक भारत भूषण का कहना है कि कैश कम होने के कारण छह हजार रुपये दिया गया था। आरबीआई की गाइड लाइन अधिक पैसा देने की जरूर है लेकिन बैंक में पैसा न होने के कारण पैसा कम दिया गया। उपजिलाधिकारी कुलपहाड़ विनय पाठक का कहना है कि अभी उन्हें लाइन में लगे किसान की मौत होने की जानकारी नहीं मिली है। फिर भी पता कराया जा रहा है। यदि किसान की लाइन में लगने से मौत हुई है तो उसे मुख्यमंत्री की घोषणा के हिसाब से राहत राशि दी जाएगी।

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