ब्रेक न्यूज ब्यूरोलखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव 2017 से ठीक पहले यूपी के सबसे बड़े सियासी घराने में जारी उठा-पटक जनता के सामने आ गई है। रविवार को यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने बड़ी कारर्वाई करते हुए अपने समर्थक-विधायकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में शिवपाल समर्थकों को छोड़ करीब 415 नेताओं को बुलाया गया था। जिसमें मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल से शिवपाल समेत 4 मंत्रियों को बर्खास्त करने का चुनावों से पहले सबसे बड़ा फैसला लिया। विधायकों के साथ हुई बैठक में अखिलेश यादव ने साफ शब्दों में यह कहा कि वो ही नेताजी के उत्तराधिकारी हैं।
डॉन मुख्तार अंसारी से पनपा विवाद
समाजवादी परिवार में बंटवारे की नींव जून महीने में ही पड़ गई थी। जब अखिलेश की मर्जी के खिलाफ जाकर शिवपाल ने बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का विलय कराया था। लेकिन सीएम अखिलेश को ये बात नागवार गुज़री और उन्होंने इस विलय का विरोध किया। इसके बाद विलय रद्द करा दिया गया। यहीं से चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के बीच मनमुटाव का सिलसिला जारी हो गया।
समाजवादी परिवार में बंटवारे की नींव जून महीने में ही पड़ गई थी। जब अखिलेश की मर्जी के खिलाफ जाकर शिवपाल ने बाहुबली मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का विलय कराया था। लेकिन सीएम अखिलेश को ये बात नागवार गुज़री और उन्होंने इस विलय का विरोध किया। इसके बाद विलय रद्द करा दिया गया। यहीं से चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के बीच मनमुटाव का सिलसिला जारी हो गया।
अमर सिंह को लेकर अखिलेश समर्थकों में गुस्सा
जुलाई महीने में नेताजी मुलायम सिंह यादव ने सीएम अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले जावेद आब्दी को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारणी से हटाकर अमर सिंह को पार्टी की कार्यकारिणी में शामिल करवाया था। जिसके बाद से अमर सिंह को लेकर अखिलेश समर्थकों में गुस्सा था। सपा में कौमी एकता दल के विलय से खफा आजम खान ने भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए अमर सिंह पर निशाना साधा था और उन्हें चोर तक कह डाला था। आज़म खान ने कहा था कि ‘जब मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया तो चोर खुद से क्यूं बोल पड़ा। चोर की दाढ़ी में तिनका क्यूं है। वो सफाई क्यूं दे रहे हैं।
जुलाई महीने में नेताजी मुलायम सिंह यादव ने सीएम अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले जावेद आब्दी को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारणी से हटाकर अमर सिंह को पार्टी की कार्यकारिणी में शामिल करवाया था। जिसके बाद से अमर सिंह को लेकर अखिलेश समर्थकों में गुस्सा था। सपा में कौमी एकता दल के विलय से खफा आजम खान ने भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए अमर सिंह पर निशाना साधा था और उन्हें चोर तक कह डाला था। आज़म खान ने कहा था कि ‘जब मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया तो चोर खुद से क्यूं बोल पड़ा। चोर की दाढ़ी में तिनका क्यूं है। वो सफाई क्यूं दे रहे हैं।
कौन हैं मुख्तार अंसारी
बाहुबली मुख्तार अंसारी साल 1996 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2002 और 2007 में निर्दल प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की। मुख्तार अंसारी ने 2012 के चुनाव से पहले कौमी एकता दल का गठन किया। कौमी एकता दल के अध्यक्ष मुख्तार के बड़े भाई पूर्व सांसद अफजाल अंसारी हैं। इनकी पार्टी के समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर ही समाजवादी पार्टी और यूपी के इस बड़े राजनीतिक घराने में पूरा विवाद पनपा।
बाहुबली मुख्तार अंसारी साल 1996 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2002 और 2007 में निर्दल प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की। मुख्तार अंसारी ने 2012 के चुनाव से पहले कौमी एकता दल का गठन किया। कौमी एकता दल के अध्यक्ष मुख्तार के बड़े भाई पूर्व सांसद अफजाल अंसारी हैं। इनकी पार्टी के समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर ही समाजवादी पार्टी और यूपी के इस बड़े राजनीतिक घराने में पूरा विवाद पनपा।
No comments:
Post a Comment