ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
बाराबंकी सिद्धौर के पकरिया गाँव मामला .........
घर में 12 दिनों से अनाज का एक दाना तक नहीं था। भूख से मां और दो बेटे तड़प रहे थे। कोटेदार के यहां कई चक्कर लगाए, पर कार्ड नहीं था इसलिए अनाज नहीं मिला। भूख सहते-सहते बड़े बेटे ने रविवार को आखिर दम तोड़ दिया।
जैसे ही उसकी मौत की सूचना प्रशासन तक पहुंची, आनन-फानन में कोटेदार के यहां से घर में अनाज पहुंचा दिया गया। मौके पर एसडीएम समेत कई अफसर भी पहुंच गए। अब पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद दिलाने की कवायद चल रही है। मामला बाराबंकी के असंद्रा थानाक्षेत्र के पकरिहा गांव का है।
पकरिहा का श्रीकांत (40) मां कल्यानी और छोटे भाई शिवाकांत के साथ झोपड़ी में रहता था। पैरों में दिक्कत के चलते वह मजदूरी पर भी नहीं जा पा रहा था।
पकरिहा का श्रीकांत (40) मां कल्यानी और छोटे भाई शिवाकांत के साथ झोपड़ी में रहता था। पैरों में दिक्कत के चलते वह मजदूरी पर भी नहीं जा पा रहा था।
मां ने बताया कि बेटे की मौत के बाद जब अफसर घर पहुंचे तो कोटेदार के यहां से राशन भिजवा दिया। शिवाकांत ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि श्रीकांत की मौत भूख के कारण हुई है।
डीएम बोले- भूख से नहीं मरा
मामले पर जिलाधिकारी अजय यादव ने कहा, ‘जिस युवक की मौत हुई है, वह कई दिनों से बीमार था। भूख से मौत नहीं हुई है। यह जरूर है कि मृतक गरीब था। उसके परिवार को तत्काल 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिला दी गई है। राशन भी उपलब्ध करा दिया गया है। सीएम कोष से मदद के लिए पत्र लिखा जा रहा है। भूमि का पट्टा दिलाने का भी प्रयास किया जाएगा।
डीएम बोले- भूख से नहीं मरा
मामले पर जिलाधिकारी अजय यादव ने कहा, ‘जिस युवक की मौत हुई है, वह कई दिनों से बीमार था। भूख से मौत नहीं हुई है। यह जरूर है कि मृतक गरीब था। उसके परिवार को तत्काल 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिला दी गई है। राशन भी उपलब्ध करा दिया गया है। सीएम कोष से मदद के लिए पत्र लिखा जा रहा है। भूमि का पट्टा दिलाने का भी प्रयास किया जाएगा।

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