टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साफ कहते हैं कि न तो खाऊंगा और न खाने दूंगा। लेकिन उनकी पार्टी के सांसद उनके विपरीत चल रहे हैं।
बस्ती : (लवकुश पांडेय ) सांसद हरीश द्विवेदी ने तो साफ कहा है कि वेतन से कोई सांसद, मंत्री अपना चुनाव क्षेत्र नहीं चला सकता। अगर चुनाव क्षेत्र में कुछ करना है तो फिर चोरी तो करनी ही पड़ेगी।बस्ती से भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी ने अपने वेतन के बारे में अजीबो गरीब बयान दिया है सांसद से अधिक वेतन तो प्राइमरी के अध्यापक को मिलता है। उन्होंने अपने वेतन को लेकर विवादित बयान दिया है। बस्ती के जिला पंचायत सभागार में आयोजित युवा संवाद में एक बार फिर हरीश द्विवेदी ने कहा कि नेताओं को वर्तमान व्यवस्था में कमी के चलते चोरी करनी पड़ती है। उन्होंने मंत्रियों, राजनेताओं के खर्च के बारे में कहा कि वेतन से कोई सांसद, मंत्री अपना चुनाव क्षेत्र नहीं चला सकता। उसके लिए धन प्राप्ति के लिए अन्य उपाय करने पड़ते हैं।सांसद द्विवेदी ने कहा कि एक सांसद को अपना काम ठीक से करने के लिए कम से कम बारह कर्मचारियों की आवश्यकता है, लेकिन वेतन वरिष्ठ प्राइमरी के अध्यापक से भी कम है तो चोरी तो करनी ही पड़ेगी। उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं से इस विषय पर चर्चा भी करने की बात कही है। इसके साथ ही साथ ही उन्होंने केजरीवाल सरकार के विधानसभा में भत्ते बढ़ाने की प्रशंसा भी की।सांसद हरीश द्विवेदी से जब एक युवक ने कहा कि क्षेत्र में आप बेहतर काम कैसे करेंगे तो उन्होंने उसको दो-टूक जवाब दिया। सांसद ने कहा कि आप हमारे यहां आएंगे कहेगें कि सांसद जी पत्र लिख दीजिए, अगर हम कहें कि जाकर टाइप करवा लीजिए तो आप क्या कहेगें? तो हमें टाइपिस्ट रखने की जरूरत है, पानी पिलाने वाला, खाना बनाने वाला सब रखना है। उन्होंने कहा कि अगर आप चाहते हैं कि कोई सांसद, विधायक, मंत्री चोरी न करे तो उसकी सुविधाएं बढ़ाइए। आप हमारी भी तो मजबूरी समझिए। सिर्फ आपकी ही मजबूरी नहीं है। इस मौके पर उनके साथ जिलाधिकारी राजशेखर और सदर विधानसभा सीट के विधायक दयाराम चौधरी भी मौजूद थे।
बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी का विवादों से पुराना नाता है। एक बार फिर से उन्होंने अजीबो-गरीब बयान दिया है। उन्होंने फिर कहा कि जब राजनीतिक व्यक्तियों का वेतन नहीं बढ़ाया जाएगा तो वे चोरी करेगें ही। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से सांसदों का वेतन बढ़ाने की मांग है। उन्होंने कहा है कि अगर राजनीतिक व्यक्तियों की चोरी रोकनी है तो उनका वेतन बढ़ाया जाना चाहिए। आज एक सांसद से ज्यादा वेतन एक प्राइमरी स्कूल के शिक्षक का है। ऐसे में विधायकों, सांसदों और मंत्रियों का वेतन और सुविधाएं बढ़ाई जाएं।गौरतलब है कि एक सांसद को हर महीने 50 हजार रुपये सैलरी मिलने के अलावा कई अन्य तरह के भत्ते भी मिलते हैं। इन भत्तों में 45000 रुपये संसदीय क्षेत्र भत्ता, 45000 रुपये कार्यालय भत्ता मिलता है। यहीं नहीं संसद सत्र के दौरान सदन का अलग भत्ता मिलता है। कुल खर्चे की बात करें तो सांसद पर हर महीने लगभग 2.70 लाख रुपये खर्च होते हैं।


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