Tuesday, December 18, 2018

लखनऊ : सुधार गृह के बच्चों के धर्मांतरण का प्रयास,आयोग से हुई शिकायत


टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
लखनऊ :  राजकीय किशोर संप्रेक्षण गृह के बच्चों के धर्मांतरण की कोशिश की जानकारी पर बाल संरक्षण आयोग ने गंभीर रुख अख्तियार किया है। जबरन एक धर्म विशेष की शिक्षा दिए जाने की शिकायत मोहान रोड स्थित राजकीय किशोर संप्रेक्षण गृह के बच्चों ने आयोग के अध्यक्ष से की। आयोग अब इसकी जानकारी राज्य सरकार को देगा। आयोग इसके साथ ही सरकार से लखनऊ मंडल की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारियों व अन्य द्वारा प्रोटोकोल का पालन न किए जाने की भी शिकायत करेगा।आयोग के अध्यक्ष डा. विशेष गुप्ता ने पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि आयोग सभी 18 मंडलों की समीक्षा कर रहा है। इसके तहत 18 व 19 को लखनऊ मंडल की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि वे और आयोग के अन्य सदस्य जब इसके तहत मोहान रोड स्थित राजकीय किशोर संप्रेक्षण गृह पहुंचे तो उन्हें वहां कई खामियां मिलीं पर जो सबसे आश्चर्यजनक बात पता लगी वह यह थी कि संप्रेक्षण गृह के बच्चों को शिक्षा देने वाली संस्था खिदमत के विपुल नामक व्यक्ति द्वारा वहां के बच्चों को यह सिखाया जा रहा था कि तुम्हारे भगवान मर गए हैं, तुम ईसा मसीह की प्रार्थना करो वही एकमात्र ईश्वर हैं। अध्यक्ष ने बताया कि विपुल ने वहां के सभी बच्चों को इसी धर्म की पुस्तकें दी थीं और उनसे जबरन उसी की प्रार्थना करवा रहा था। आयोग के अध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में माना कि संप्रेक्षण गृह के बच्चों के धर्मांतरण की कोशिश हो रही थी।अध्यक्ष ने बताया कि इस संप्रेक्षण गृह के भंडारगृह में भोजन की सामग्री के साथ ही फिनायल और बेगान जैसे कीटनाशक रखे थे। इसके अलावा वहां जो सामान मंगाया गया था उसका खरीद दाम वास्तविक दाम से कहीं अधिक दर्शाया जा रहा था। इसके अलावा संप्रेक्षण गृह बच्चों ने यह भी शिकायत की कि वहां के शंकर दादा, तिवारी व अवस्थी नाम के लोगों द्वारा बच्चों को पीटा जाता था। इसके लिए उन लोगों ने प्लास्टिक के डंडे खरीदे हुए हैं। अध्यक्ष ने कहा कि अपने निरीक्षण में आयोग ने पाया कि विभिन्न मामलों में यहां रखेगए बच्चों की कोई विधिक मदद नहीं हो रही थी। अध्यक्ष ने कहा कि पिछले डेढ़ से दो सालों से किसी बच्चे के मामले में अदालत में कोई कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ने मंडलों की समीक्षा के आयोग के कार्यक्रम की जानकारी मंडलायुक्त को दे दी थी। इसके बाद भी संप्रेक्षण गृह समेत अन्य गृहों के निरीक्षण के दौरान किसी तरह के प्रोटोकोल का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि वे इस सारी गड़बड़ियों की शिकायत मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री से करेंगे।

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