Tuesday, December 18, 2018

सुस्त रफ्तार से चल रही आयुष्मान योजना,विभाग नहीं ले रहा रुचि 85 दिन में मात्र 58 का इलाज महराजगंज से राम–बहादुर की रिपोर्ट


टीम ब्रेक न्यूज ब्यूरो
महराजगंज जिले में केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजना आयुष्मान योजना की रफ्तार काफी धीमी है। प्रतिदिन एक व्यक्ति के इलाज का भी औसत नहीं है। इस  योजना  के अन्तर्गत 85 दिन में सिर्फ 58 मरीजों का इलाज ही हो पाया है। इस योजना के तहत लाभार्थियों के उपचार के लिए जिले के छह अस्पतालो को चयनित किया गया हैं।इस योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों के उपचार की रफ्तार से तो यही लग रहा है कि स्वास्थ्य विभाग का इस योजना में कोई रुचि नहीं है। यही नहीं, योजना के तहत एमएम अस्पताल में तो अब तक एक भी मरीज का उपचार नहीं हो पाया है।आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ 23 सितंबर 2018 को हुआ। जिला अस्पताल, कैशवी हेल्थ एंड मैटर्निटी सेंटर, केएमसी डिजिटल हास्पिटल, दयागीत हास्पिटल, महराजगंज फ्रैक्चर क्लिीनिक का चयन मरीजों के इलाज के लिए किया गया है। इनमें सर्वाधिक 44 मरीजों का इलाज केएमसी डिजिटल अस्पताल में हुआ है। वहीं एमएम हास्पिटल में अब तक एक भी मरीज का इलाज नहीं हो सका है। योजना के तहत चयनित लाभार्थी को पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज किया जाता है। जिला अस्पताल में अब तक महज तीन मरीजों का इलाज हो पाया है। दयागीत हास्पिटल में 2, महराजगंज फैक्चर क्लिनीक में 8 मरीज और कैशवी हेल्थ एंड मैटर्निटी सेंटर में एक मरीज का इलाज हुआ है। अभी तक कितने लाभार्थियों को आयुष्मान योजना के तहत कॉर्ड वितरित किए गए हैं, इसकी स्पष्ट जानकारी भी विभाग के पास नहीं है। हालांकि यह अवश्य कहा जा रहा है कि जिले में अब तक योजना के तहत 2400 लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। योजना के तहत एक लाख 25 हजार 597 लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्र में चयनित हैं। वहीं  शहर क्षेत्र में 12038 लाभार्थी चयनित हुए हैं। लोगों का कहना है कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी होने के कारण भी बेहतर इलाज की व्यवस्था नहीं उपलब्ध कराई जा रही है। जिला अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है। वही स्थायी रूप से हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं हैं। न्यूरो सर्जन भी नहीं हैं। ऐसे में योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। रामनरेश, सुरेश यादव ने बताया कि अभी तक कॉर्ड भी नहीं बन पाया है। योजना का बेहतर ढंग से लाभ नहीं मिल पा रहा है। अधिकारी योजना के प्रति गंभीर नहीं है।  एसीएमओ डॉक्टर आईए अंसारी का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना का लाभ बेहतर ढंग से उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। आयुष्मान पत्र का वितरण आशा एवं अन्य कर्मियों के माध्यम से कराया जा रहा है। चयनित अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि मरीजों का बेहतर ढंग से इलाज करें।  

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