Sunday, May 20, 2018

क्रय केन्द्रो पर भ्रष्टाचार रोकने में नाकाम हुई योगी सरकार,पीछे के रास्ते व्यापारियों का लिया जा रहा है गेंहू


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
 बाराबंकी यूपी में योगी सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने सभी विधायक और जनप्रतिनिधियों पर क्रय केंद्रों का निरीक्षण करने के फरमान सुनाया था और क्रय केंद्र पर किसानों की लिए सुविधाओं सहित किसी प्रकार की खरीद में दिक्कत ना आने के निर्देश दिए गए थे लेकिन साल भर बीतने के बाद ही सरकार का असली रंग दिखने लगा जिसमें से साफ जाहिर है कि सरकार का असर इस कदर खत्म हो गया है कि गेहूं क्रय केंद्र पर किसानों को लंबी लाने लगानी पड़ती है तो वहीं जब नंबर आता है तब बहुत देर हो चुकी होती है लेकिन व्यापारियों का गेहूं पीछे के रास्ते से सेटिंग गेटिंग में जोड़-तोड़ के जरिए खरीद लिया जाता है और उनको कोई दिक्कत भी नहीं होती है।


ऐसा ही मामला तहसील हैदरगढ़ के मवैया मझगवां क्रय केंद्र जो कि पोखरा में मौजूद है यहां पर आस पड़ोस के सभी किसानों का गेहूं खरीदने के निर्देश प्रदेश सरकार ने दिए हैं लेकिन सुबह से शाम हो जाती है किसान अपना कुंतल गेहूं ट्राली भाड़े पर लाकर  खड़ा रखते हैं लेकिन जहां गेहूं की खरीद नहीं होती है तो वही किसानों के लिए न पीने के पानी की व्यवस्था है ना किसी और तरीके से लाभ मिल रहा है। पिछले वर्ष विधायक से लेकर मंत्रियों ने आकस्मिक निरीक्षण  कर के सख्त निर्देश दिए थे लेकिन उसका असर साल भर बाद किस कदर हो जाता है ऐसा साफ दिख रहा है । शाम होने के बाद ही जब किसान आजिज होकर अपने घर का रुख कर लेते हैं उसके बाद असली खेल शुरू होता है या व्यापारियों को गेहूं आने लगता है और उसकी तौल करके रखा जाता है। जिसके जरिए किसानों के खसरा लेकर उनके नाम और पैसा उनके खाते में भेज दिया जाता है और पीछे के रास्ते कमीशन के जरिए पैसा लेकर के व्यापारियों के जाता है। इस खेल में लाखों का घोटाला है लेकिन सरकार जरा भी ध्यान नहीं देती है और विधायक और मंत्री की भी निरीक्षण नही करते है जिससे कि जनता के बीच सही संदेश जाए और किसानों को लाभ हो। किसान इससे आजिज होकर कोसते हुए कहते हैं कि सरकार कोई भी हो लेकिन किसानों की सुनने वाला कोई नहीं है वही भ्रष्टाचार वही दलाली हर जगह फैली है। नाम न छापने की शर्त पर केंद्र पर मौजूद किसानों का कहना है कि अच्छी सरकार का दावा करने वाले योगी सरकार में भी हर जगह भ्रष्टाचार व्याप्त है कोई भी फर्क नहीं आया है फर्क आया है तो केवल सरकार बदलने का । बाकी सारे सरकारी कामकाज उसी पुराने ढर्रे पर हो रहे हैं जब इसकी शिकायत कई बार ग्रामीणों और किसानों ने की है लेकिन कोई सुधार नही हुआ। किसानों ने उप जिलाधिकारी संतोष कुमार को फोन मिलाया तो उनका फोन कई बार स्विच ऑफ बताता रहा तो कई बार पहुंच से बाहर है जिस से आजिज होकर किसानों ने जिलाधिकारी उदय भान त्रिपाठी से इस मामले की शिकायत की लेकिन उसके बाद भी कोई कार्यवाही ना होने पर सिस्टम को कोसते हुए किसान जान गए कुछ होने वाला नहीं है ।जिलाधिकारी को बताने के बाद भी किसान घंटो इंतजार करता रहा है लेकिन गेहूं नही खरीदा गया।  तहसीलदार डी ले श्रीवास्तव से जब इस मामले की जानकारी दी गई तो उन्होंने तो पल्ला झाड़ते हुए अगले दिन आने को कहा ऐसे में सुबह से बैठा हुआ किसान शाम तक गेहूं खरीदने की बाट जोह रहा है और एक बात फिर वो अधिकारियों के चक्कर काटे तो उसकी क्या हालत होही। किसान सरकार को कोसने के बाद अपनी किस्मत को भी कोसता है जो कि वह पूरा दिन बर्बाद होने के बाद भी गेहूं खरीद नहीं हुई।  उसी के सामने व्यापारियों को गेंहू खरीदा जा रहा है ऐसे में उस पर क्या बीती होगी यह कोई नहीं जानता। घंटे इंतजार करने के बाद भी जिलाधिकारी द्वारा कोई भी आश्वासन किसान को नहीं दिया गया जिससे कि घंटों इंतजार करने के बाद किसान मायूस होकर अपने घर को लौट गया और साथ में ट्रैक्टर का भी भाड़ा अवश्य देना पड़ा लेकिन गेहू नही खरीदा गया। सेटिंग गेटिंग का खेल अधिकारियों को सरपरस्ती में ऐसे ही चलता रहेगा लेकिन कोई सुनने वाला नही होगा।

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