Saturday, October 21, 2017

फतवा: श्रीराम की आरती करने वाली महिलाएं अब मुस्लिम नहीं


फतवा: श्रीराम की आरती करने वाली महिलाएं अब मुस्लिम नहीं
टीम ब्रेक न्यूज 
ब्यूरो दारुल उलूम ने कहा है कि अगर कोई अल्लाह को छोड़कर किसी अन्य ईश्वर की इबादत करता है तो वह मुस्लिम नहीं रह जाता है। दारूल ऊलूम के उलेमा का यह बयान वाराणसी में कुछ महिलाओं द्वारा दिवाली पर आरती किए जाने की पृष्ठभूमि में आया है। वाराणसी में आयोजित एक कार्यक्रम में कुछ मुस्लिम महिलाओं ने श्रीराम की आरती और हनुमान चालीसा का पाठ किया था। इस मामले में दारुल उलूम जकरिया के चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारुकी समेत अन्य उलेमा ने कहा कि मुसलमान सिर्फ अल्लाह की इबादत कर सकता है। उलेमा का कहना है कि इस्लाम में अल्लाह के सिवा किसी दूसरे मजहब के साथ मोहब्बत और नरमी तो बरती जा सकती है, लेकिन पूजा नहीं की जा सकती है। इसलिए बेहतर है कि वह अपनी गलती मानकर दोबारा कलमा पढ़कर इस्लाम में दाखिल हों।उल्लेखनीय है कि वाराणसी में आयोजित एक कार्यक्रम में नाजनीन अंसारी समेत कुछ मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में रचित श्रीराम की आरती और हनुमान चालीसा का पाठ किया था। नाजनीन ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए 501 रुपये का चंदा भी दिया था। इसके अलावा इस मुस्लिम महिला ने तीन तलाक के मुद्दे का भी समर्थन किया था और तीन तलाक के कई केसों से पर्दा उठाया थाइससे पहले दारुल उलूम, देवबंद ने फतवा जारी करके सोशल मीडिया पर मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं की फोटो अपलोड करने को नाजायज बताया था। इसी तरह गत सात अक्टूबर को दारुल उलूम देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं के लिए एक चैंकाने वाला फतवा जारी किया था, जिसमें कहा गया कि मुस्लिम महिलाओं के लिए हेयर कटिंग और आइब्रो बनवाना नाजायज है।


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