टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. सूबे का निजाम बदला है तो राजधानी लखनऊ से सटे जिले बाराबंकी में बदलाव स्पष्ट नज़र आने लगा है. जिन थानों की पुलिस एफआईआर कराने के लिए आने वालों को भगा दिया करती थी अब वह फरियादियों को कुर्सी पर बिठाकर समस्या पूछी जाने लगी है. उन्हें पानी पिलाया जाने लगा है. बाराबंकी के एसपी गौरव कृष्ण ने जिले के सभी 22 थानों को निर्देशित किया है कि थाने में अपनी फरियाद लेकर आने वालों के प्रति पुलिस अपना नजरिया और व्यवहार दोनों बदले. एसपी वैभव कृष्ण ने योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप थानों को चलाने का निर्देश दिया है. एसपी के निर्देश के बाद अब एफआईआर भी दर्ज हो रही है और फरियादी को कुर्सी पर बिठाकर पानी भी पिलाया जा रहा है और पेठा भी खिलाया जा रहा है. एसपी के निर्देश पर जिले में दो दिवसीय एफआईआर मेला लगाया गया. इस मेले में 185 एफआईआर और 62 एनसीआर दर्ज की गईं.
बाराबंकी पुलिस में अचानक हुए इस बदलाव से लोग आश्चर्यचकित तो हैं लेकिन खुश भी बहुत हैं. जिस पुलिस के पास जाने से ही जहाँ आम आदमी डरने लगता था, वह बात सुनने लगी है तो ताज्जुब की बात तो है ही. आम आदमी तो यही मानकर चलता है कि कमज़ोर ज़ुल्म सहने के लिए ही पैदा होता है और थानों में सिर्फ ताक़तवर लोगों की बात ही सुनी जाती है. योगी आदित्यनाथ ने जब यह साफ़ कर दिया कि चेहरा देखकर फैसला नहीं किया जाए. क़ानून सबके लिए बराबर हो. कोई फरियादी आये तो पुलिस और प्रशासन दोनों संवेदनशील हों. बाराबंकी के एसपी वैभव कृष्ण पुलिस को जनता के करीब लाने के लिए पहले भी कुछ अनूठे प्रयोग कर चुके हैं. एफआईआर मेला जैसे उनके काम सराहे भी गए हैं. एफआईआर मेले के तहत जिले में पहले दिन 15 से 17 एफआईआर दर्ज हुईं. एफआईआर मेले के दो दिनों में 185 एफआईआर और 62 एनसीआर दर्ज हुईं. मुख्यमंत्री की पहल के बाद बाराबंकी पुलिस में जो बदलाव हुआ है उसकी तारीफ ही की जा सकती है.
No comments:
Post a Comment