ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
लक्ष्मीपुर/पुरंदरपुर। एक ट्रॉली ईंट की चुनाई का खर्च पौने पांच लाख हुआ है। बीआरजीएफ के तहत 160 मीटर इंटरलॉकिंग होनी थी लेकिन बिना कार्य के ही भुगतान करा दिया गया। इस गोलमाल में जिम्मेदार अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक शामिल रहे। बीडीओ का कहना है कि कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
मामला लक्ष्मीपुर ब्लॉक के हरैया रघुबीर का है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में बीआरजीएफ का चार लाख 75 हजार बजट आया था। जिससे गांव में 160 मीटर सड़क की इंटरलॉकिंग होनी थी। मातहतों ने गांव के विकास को दरकिनार कर खुद का ज्यादा विकास किया। कागजों पर पिच रोड से साधू के घर तक इंटरलॉकिंग कार्य पूरा कर लिया गया। जून 15 से सितंबर 15 तक का समय इस कार्य में लगा। इतना ही नहीं मैटीरियल में सीमेंट के लिए 20 हजार, किसान ईट उद्योग को 45 हजार व बालू के लिए 15 हजार की निकासी की गई।
अलग अलग चेकों से भारी भरकम धनराशि सिंह ब्रिक्स फील्ड के नाम से निकासी करके बीआरजीएफ के पौने पांच लाख रुपये की निकासी कर ली गई। हालत यह है कि महज एक ट्रॉली ईंट मंगाई गई थी जिसमें से करीब दो सौ ईट की चुनाई कराकर ही इंटरलॉकिंग सड़क को पूरा दिखा दिया गया। इस बात की भनक लगते ही गांव के संतोष कुमार, सुशील, श़्यामू, रामदास, रामभरोस, सुरेन्द्र, धर्मेन्द्र आदि ने जब बीडीओ लक्ष्मीपुर आरके उपाध्या़य को मामले की जानकारी दी और कार्रवाई की मांग की तो मामले को निपटाने के लिए आगे आए। गांव के लोगों ने दो जनवरी 16 को डीएम व मुख्य विकास अधिकारी को भी शिकायत पत्र दिया।

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