Monday, January 14, 2019

योगी राज में न्याय न मिलने से महिला ने लगाई फांसी,पुलिसिया कार्यशैली से थी आहात


टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
गोंडा गत दिनों लखनऊ में सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास करने वाली गैंगरेप पीड़िता ने  सोमवार को न्याय न मिलने की वजह से फंदे पर लटक कर अपनी जान दे दी. विदित हो कि महिला सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस की ओर से फाइनल रिपोर्ट लगाए जाने से आहत थी. जिसके बाद मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ने दोनों विवेचकों और इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही लापरवाही बरतने के आरोपी कोतवाल करनैलगंज को लाइन हाजिर कर दिया है. और इसी के साथ पूरे मामले की जांच ए के सिंह को करने के निर्देश दिए गए है. गौरतलब हो कि कोतवाली करनैलगंज क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 35 वर्षीया महिला का पति रोजी-रोटी के लिए रोहतक हरियाणा में रहता था. महिला का आरोप था कि उसके गांव के ही रहने वाले दो सगे भाईयों ने मिलकर खुद को तांत्रिक विद्या का जानकार बताते हुए उसे बताया कि था कि उसका पति एक दूसरी महिला के जाल में फंसा है. वह तंत्र विद्या से उसके पति को दूसरी महिला के जाल से छुड़ा देंगे. यह झांसा देकर दोनों ने उसके साथ गत सात फरवरी 2018 को बलात्कार किया. बाद में दोनों ने बलात्कार का वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए कई बार बलात्कार किया. महिला ने अपने पति को सारी बात बताई. 7 अगस्त 2018 को महिला ने कोतवाली करनैलगंज में श्याम कुमार उर्फ बुधई और उसके भाई शंकर दयाल उर्फ बल्लू के खिलाफ गैंगरेप, धमकी व आईटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी. मामले की विवेचना कर रहे तत्कालीन इंस्पेक्टर क्राइम करनैलगंज अजीत प्रताप सिंह ने इसमें फाइनल रिपोर्ट लगा दी. तत्कालीन एसपी लल्लन सिंह ने विवेचना क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर परमानंद तिवारी को दे दी थी. उन्होंने भी मामले में लीपापोती कर फाइनल रिपोर्ट लगा दी।

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