टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली:
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि सोशल मीडिया पर सुषमा स्वराज जी के खिलाफ इस्तेमाल भाषा की कड़े शब्दों में निंदा करती हूं। हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिये और किसी रूप में गाली- गलौज नहीं करना चाहिये। विवाद के बाद विदेश मंत्रालय के हिंदू-मुस्लिम दंपति को पासपोर्ट जारी करने और उन्हें प्रताड़ित करने के आरोपी पासपोर्ट सेवा केंद्र के अधिकारी का तबादला किये जाने के बाद से सुषमा ट्रोल के निशाने पर हैं।
वहीं सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर एक सर्वेक्षण शुरू किया है और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों से पूछा है कि क्या वे इस तरह की ‘ट्रोलिंग’ को स्वीकृति देते हैं। शाम तक 1 लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों ने इस सर्वेक्षण में भाग लिया और अपनी राय भी जाहिर कीं। इसमें 57 फीसदी लोगों ने सुषमा का सपोर्ट किया तो 43 फीसदी लोगों ने ट्रोल्स का समर्थन किया। कई दिन तक चली ट्रोलिंग के बाद मामला कल तब आगे बढ़ गया, जब सुषमा के पति ने एक ट्विटर यूजर के एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट ट्वीट किया, जिसमें उनसे कहा गया है कि वह उनकी (सुषमा) पिटाई करें और उन्हें मुस्लिम तुष्टीकरण ना करने की बात सिखाएं।
बता दें कि 20 जून को लखनऊ के पासपोर्ट सेवा केंद्र पर पासपोर्ट बनवाने पहुंचे मोहम्मद अनस सिद्दिकी और उनकी पत्नी तन्वी अनस सेठ ने विकास मिश्रा नामक अधिकारी पर मुस्लिम होने के चलते अपमानित करने और पासपोर्ट जारी नहीं करने का आरोप लगाया। इस मुद्दे के सोशल मीडिया पर आने पर विकास के खिलाफ कार्रवाई कर तत्काल हाथोंहाथ पासपोर्ट दे दिया गया। कार्रवाई के बाद विकास ने अपनी सफाई दी। उनके स्पष्टीकरण के बाद सोशल मीडिया पर लोग विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके मंत्रालय पर निशाना साधने लगे।

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