टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
उत्तर प्रदेश के दो कलेक्टर को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। इन दोनों कलेक्टर पर अवैध खनन में लापरवाही बरतने का आरोप है। जिन दो कलेक्टरों को सरकार ने निलंबित कर दिया है, उनमें गोंडा जिले के डीएम जेबी सिंह और फतेहपुर के डीएम कुमार प्रशांत शामिल है। फतेहपुर के डीएम प्रशांत कुमार पर अवैध खनन में लीपापोती का आरोप था। उनके ख़िलाफ़ बीजेपी के कुछ विधायकों और नेताओं ने शिकायत की थी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक सीनियर अफ़सर से इसकी जांच कराई. जांच में आरोप सही पाए जाने पर योगी ने प्रशांत को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए. वे 2010 बैच के आईएएस अफ़सर हैं. अवैध खनन को लेकर योगी पहले भी कई बार अफ़सरों की क्लास लगा चुके हैं. कल ही खनन विभाग के निदेशक बलकार सिंह को भी हटा दिया गया था. ख़बर है कि विभाग के अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह के काम काज से भी सरकार नाख़ुश है.
गोंडा के डीएम जेबी सिंह को खाद्यान्न की कालाबाज़ारी न रोक पाने के लिए सज़ा मिली है. उनके जिले में खुले बाज़ार में सरकारी राशन बेचे जाने की शिकायत मिली थी. इस पर जांच हुई. जांच में शिकायत सही मिली. लखीमपुर रवाना होने से पहले योगी आदित्यनाथ ने जेबी सिंह को सस्पेंड कर दिया. पीसीएस से प्रमोशन पाकर वे 2013 में आईएएस अधिकारी बने थे. बीजेपी के कई विधायक और मंत्री योगी सरकार में अफ़सरों की मनमानी के आरोप लगाते रहे हैं.
कैराना में चुनाव हारने के बाद तो ऐसे नेता और मुखर हो गए हैं. मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने तो कहा था कि बिना पैसे के कोई अधिकारी काम नहीं करता है. पहली बार योगी आदित्यनाथ ने एक नहीं दो- दो डीएम को सस्पेंड कर दिया. पिछले साल सहारनपुर के डीएम एनपी सिंह निलंबित हुए थे.

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