टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो
गोरखपुर में हुई घटना के बाद यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लापरवाही देखते हुए बीआरडी के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है जबकि प्रिंसिपल ने इसके बाद बयान दिया कि वह पहले ही त्यागपत्र लिख चुके थे।सिंह ने कहा, योगी जी यहां 9 जुलाई और 9 अगस्त को भी आए थे। यहां उन्होंने डॉक्टरों से भी चर्चा की थी। एक विषय जो क्रिटिकल है वो है गैस सप्लाई का वो रखा नहीं गया। उन्होंने बताया कि हमने आंकड़े भी देखने की कोशिश की है क्योंकि 20 से 23 बच्चों के मरने की खबर आई है वो चौंकाने वाला मामला है।ये सरकार संवेदनशील है और एक बच्चे की मौत की जांच की वजह भी हमारे लिए बड़ी है। हम 23 मौतों को कम आंकने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। 2014 से आंकड़े निकलवाए हैं। अगस्त के महीने में बच्चों की मौतें 19 प्रतिदिन होता है। 2015 में 22 और 2016 में प्रतिदिन 19 से ज्यादा है। इसका ये मतलब ये नहीं है कि हम इसे कम आंक रहे हैं पर आगे का निष्कर्ष निकालने के लिए ऐसा कर रहे हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मौतों का आंकड़ा 17 से 18 निकलता है क्योंकि बच्चे यहां कई जगहों से आते हैं। इसके बाद हमने गैस सप्लाई का मैटर भी देखा। 7.30 बजे लिक्विड गैस सप्लाई आती है। वो लो होती है तो मीटर बीप करता है। 7.30 बजे वो बीप किया लेकिन साथ में ये व्यवस्था भी रहती है कि जो गैस सिलिंडर का स्विच चेंज कर देंगे जिससे सप्लाई आने लगती है। उन्होंने बताया कि लिक्विड गैस की सप्लाई बंद थी लेकिन अल्टरनेट गैस की सप्लाई चालू हो गई थ। उन्होंने बताया कि 11.30 से 1.30 बजे तक गैस की सप्लाई लो थी। हम निष्कर्ष पर आए हैं कि गैस सप्लाई से बच्चों की मौत नहीं हुई है।सप्लाई लो होने पर ये पता चला है कि डीलर का भुगतान नहीं हुआ था। इसका पत्र दिया गया था। इसके बाद 5 तारीख को बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल के खाते में भुगतान भेजा गया था जो उनके मुताबिक उन्हें 7 तारीख को मिला। डीलर का कहना है कि उसको भुगतान 11 तक मिला।उन्होंने कहा, ऑक्सीजन जीवन रक्षक है इसकी सप्लाई क्यों बंद हुई इस पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी और दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। तब तक बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल आरके मिश्रा को तत्काल प्रभाव सस्पेंड किया जाता है।
गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से हुई 33 बच्चों की मौत पर अब राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस के प्रतिनिधी मंडल के हमले के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो मायावती के हमले के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मृतकों के परिजनों के साथ मेरी संवेदा है. बीजेपी सरकार को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. जिन लोगों की लापरवाही की वजह से घटना हुई हैं. उन्हें दंड दी जानी चाहिए. यूपी में 70 से ज़्यादा बच्चों की मृत्य हुई मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ कोंग्रेस पार्टी और हम सभी उनके परिवार के साथ खड़े हैं. तो वहीं मायावती ने कहा कि इस घटना के लिए बीजेपी सरकार की जितनी निंदा की जाए उतनी ही कम है.
गोरखपुर मे आक्सीजन की कमी से बच्चों की दर्दनाक मौत , सरकार ज़िम्मेदार।कठोर कार्यवाही हो, 20-20 लाख का मुआवज़ा दे सरकार ।इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर चार कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर, संजय सिंह और प्रमोद तिवारी रविवार सुबह गोरखपुर पहुंचे. कांग्रेस ने घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है. ये राज्य सरकार की नाकामी का नतीजा है. मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए. जांच के लिए सांसदों की टीम बने. स्वास्थ्य मंत्री सौंपे इस्तीफा.
इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन भी गोरखपुर जाएंगे. सीएम के साथ दोनों मांत्रियों की बैठक हुई है. वहां से आने के बाद दोनों मंत्री सीएम को घटना की पूरी रिपोर्ट देंगे. शुक्रवार रात 11 बजे तक 2 और बच्चों की मौत हो गई, जिससे संख्या बढ़कर 32 हो गई. पहले ये संख्या 30 थी. शनिवार सुबह इंसेफेलाइटिस से पीड़ित 11 साल के एक और बच्चे की मौत हो गई.
ये घटना गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज की है, जहां मरने वालों में 13 बच्चे एनएनयू वार्ड और 17 इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे. बताया जा रहा है कि 69 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई गुरुवार की रात से ठप कर दी थी. खबरों के मुताबिक पिछले 5 दिनों में 62 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी से इंकार किया है.
घटना पर केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि जो घटना हुई है बहुत ही दुखद है. परिवारों के प्रति मेरी पूरी संवेदना है. सरकार ने इस विषय को गंभीरता से लिया है और केंद्र सरकार ने इसकी चर्चा की है कि ऐसे दोबारा घटना ना घटे. ऑक्सीजन की जो कमी हुई है उस मामले की जांच होनी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए.
हालांकि कार्रवाई से बच्चे तो वापस नहीं आ सकते हैं. लेकिन ऐसी घटना ना हो ये सुनिश्चित किया जाए. सरकार का जो धर्म बनता है वह सरकार करे लेकिन उसके पीछे कारण क्या है वह जांच में पता चलेगा. सरकार कारण पता लगाए. ऑक्सीजन की आपूर्ति से निपटने के विभाग ने अधिकारियों को 3 और 10 अगस्त को कमी के बारे में सूचित किया था. पुष्पा सेल ने भुगतान नहीं होने पर आपूर्ति को बंद कर दिया था.
इस्तीफा दें सीएम योगी
कांग्रेस नेता महाबल मिश्रा ने मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक का इस्तीफा मांगा है. महाबल मिश्रा ने कहा कि यह कुशासन है. 30 बच्चों की मौत हो गई है. इसकी पूरी तरह से जांच होनी चाहिए और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो. योगी और मोदी इतनी बड़ी-बड़ी बातें करते रहते हैं और अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं है. नैतिकता के आधार पर योगीजी को खुद इस्तीफा देना चाहिए. केंद्र से लेकर राज्य तक भाषण और दबाव की राजनीति चल रही है. जातिगत राजनीति चल रही है और जमीनी स्तर पर यह घटना बयां कर रही है कि कोई काम नहीं हो रहा है.
मामले को तूल पकड़ने के बाद सरकार की ओर से इस मामले पर सफाई आई है. जारी बयान में कहा गया है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी रोगी की मौत नहीं हुई है. मेडिकल कॉलेज में भर्ती 7 मरीजों की विभिन्न चिकित्सीय कारणों से 11 अगस्त को मृत्यु हुई. घटना की मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. वहीं डीएम ने 5 सदस्यीय टीम गठिक की जो कि आज अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
राजनीति हुई शुरू
वहीं बच्चों की मौत ने अब राजनीतिक रंग ले लिया हैं. विपक्ष ने मामले पर योगी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है कि गोरखपुर मे ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की दर्दनाक मौत, सरकार ज़िम्मेदार. कठोर कार्रवाई हो, 20-20 लाख का मुआवज़ा दे सरकार. वहीं राहुल गांधी का ट्वीट आया कि बीजेपी सरकार इसके लिए जिम्मेदार हैं. लापरवाही बरतने वालों को सजा मिलनी चाहिए. बीएसपी की ओर किए गए ट्वीट में लिखा गया कि योगी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए और स्वास्थ मंत्री समेत हॉस्पिटल के स्टॉफ को जेल भेज देना चाहिए
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