Thursday, May 25, 2017

धधकते सहारनपुर पर सियासत भी जारी है...



टीम ब्रेक न्यूज़ ब्यूरो 
लखनऊ. पश्चिमी उत्तर प्रदेश एक बार फिर से हिंसा और झड़प को लेकर चर्चा में है. बीते पांच साल समाजवादी पार्टी के शासन काल में इस जाट बेल्ट में हिन्दू बनाम मुस्लिम हुआ था तो इस बार यह सवर्ण बनाम दलित हो चुका है. अखिलेश सरकार के कार्यकाल में कैराना और मुजफ्फरनगर संघर्ष और सियासत का केंद्र था तो अब योगी की सरकार में शब्बीरपुर गाँव संघर्ष और सियासत का केंद्र बन गया है. हमेशा की तरह सियासत ने भी यहाँ पर अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है और प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियां अपने-अपने नफा नुकसान के हिसाब से सियासी मैदान में कूद चुकी हैं. यूपी सरकार ने आनन-फानन में सहारनपुर के हालात को संभाल सकने में अक्षम साबित हुए जिला मजिस्ट्रेट एन.पी.सिंह और एसएसपी सुभाष चन्द्र दुबे को उनकी ज़िम्मेदारी से मुक्त कर दिया. एन.पी.सिंह के स्थान पर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रमोद कुमार पाण्डेय को नया डीएम नियुक करते हुए उन्हें स्टेट प्लेन से सहारनपुर रवाना कर दिया गया है. राज्य सरकार ने सुभाष चन्द्र दुबे के स्थान पर बब्लू कुमार को सहारनपुर का नया एसएसपी बनाया है. अभी नयी-नयी उभरी भीम सेना के बड़ते प्रभुत्व और उसकी बसपा से बढती दूरी से भारतीय जनता पार्टी खुश नजर आयी और उसके एक सांसद राघव लखनपाल ने इसी तनाव के बीच शब्बी रपुर गांव को गोद लेने की घोषणा की. सांसद की ओर से इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को भी दे दी गई है. बताते चलें कि सहारनपुर में हिंसा और आगजनी के मामले में पुलिस ने बीजेपी सांसद राघव लखनपाल समेत दो दर्जन लोगों को नामजद किया है, जबकि दो सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इधर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने बुधवार को सहारनपुर हिंसा मामले पर कहा कि बीजेपी की समाज को बदलने की रणनीति से लाभ लेने का परिणाम समाने आ रहा है. सहारनपुर हिंसा उसी का दुष्परिणाम है. रामगोपाल ने भाजपा पर जाति आधारित राजनीति करने का आरोप भी लगाया है. उधर बसपा सुप्रीमो मायावती अपने परम्परागत वोट में सेंध लगने के डर के चलते 23 साल बाद सड़क मार्ग से चलकर मंगलवार को सहारनपुर का दौरा किया. मायावती के दौरे के बाद एक बार फिर वहां ठाकुरों और दलितों के बीच चल रहा जातीय संघर्ष बढ़ गया और सहारनपुर के कई इलाकों में तनाव पूर्ण स्थिति बनी हुई है. मंगलवार को हुए संघर्ष, पथराव, आगज़नी और लूटपाट की घटना के बाद बेकाबू हालात को नियंत्रित करने के लिए योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को तलब किया और हालात को काबू में करने के लिए देर रात 4 अफसर लखनऊ से सहारनपुर भेजे. मंगलवार रात को स्टेट प्लेन से भेजे गए अफसरों की टीम में गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा, एडीजी (क़ानून व्यवस्था) आदित्य मिश्रा, आईजी एसटीएफ अमिताभ यश और डीआईजी सिक्योरिटी विजय भूषण शामिल हैं. इसके अलावा गाज़ियाबाद, मेरठ, अलीगढ़ और आगरा से पीएसी के कमांडेंट भी मौके पर पहुंच चुके हैं. सहारनपुर में बवाल का यह पांचवां राउंड है. सहारनपुर में बवाल के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती सड़क मार्ग से सहारनपुर पहुँची थीं. उनके वहां से निकलते ही फिर से बवाल हो गया. सूत्रों की माने तो मायावती को सुनने के बाद वापस लौट रहे उनके समर्थकों पर चांदपुर में हमला बोला गया. एक व्यक्ति को गोली मार दी गई. तलवार और अन्य धारदार हथियारों से किये गए हमले में बहुत से लोग बुरी तरह से घायल हो गए. मौके पर पहुँची पुलिस ने मामले की छानबीन की. इधर सहारनपुर की घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुःख प्रगट करते हुए सभी दलों से शान्ति की अपील करते हुए दोषियों पर कड़ी कारवाही करने के निर्देश दिए हैं.

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